

झारखंड विधानसभा चुनाव में जेएमएम की अगुवाई वाले गठबंधन ने बाजी मार ली है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रांची: झारखंड में मतगणना के रुझानों में सत्ताधारी गठबंधन को फिर से बहुमत मिलता नजर आ रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा एक बार फिर सत्ता की तरफ वापसी कर रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाले गठबंधन ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को पटखनी दी है।
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से न केवल इंडिया ब्लॉक की जीत का दरवाजा खुला? बल्कि एनडीए के मंसूबों पर पानी फेर दिया। जेएमएम का दोबारा सत्ता में आना इस बात का भी संदेश दिया कि सोरेन के जेल जाने से उनके प्रति जनता में सहानुभूति जागी।
जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनावों से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉण्ड्रिंग से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। हेमंत की गिरफ्तारी से ठीक पहले हेमंत ने राजभवन पहुंचकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हेमंत की गिरफ्तारी के बाद न सिर्फ झारखंड की सत्ता का चेहरा बदला, बल्कि आदिवासी बाहुल्य राज्य की सियासी हवा भी बदल गई थी।
बता दें कि झारखंड की जनता अब तक हर 5 साल में सत्ता को बदलती आई है। अगर जेएमएम की जीत हुई तो वह राज्य की पहली ऐसी पार्टी बन जाएगी जिसने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की।
भाजपा का दांव क्यों पड़ा उलटा
भाजपा ने झारखंड चुनाव में हेमंत सोरेन के भ्रष्टाचार और वहां लैंड जेहाद एवं घुसपैठ को मुद्दा बनाया था, लेकिन ऐसा लग रहा है कि हेमंत सोरेन पर ईडी की कार्रवाई और उसके बाद उनका जेल जाना, फिर सोरेन की भाभी सीता सोरेन और उसके बाद चंपाई सोरेन को भाजपा द्वारा अपनी पार्टी में शामिल कराने का काम उसका खेल बिगाड़ गया।
ऐसा लगता है कि इन घटनाओं को झारखंडवासियों और आदिवासियों ने हेमंत सोरेन का उत्पीड़न माना ऐसे में जनता की सहानुभूति हेमंत सोरेन के साथ हो गई। लिहाजा भाजपा का कोई भी मुद्दा यहां नहीं चल सका।
झारखंड में की ताजा स्थिति
झारखंड विधानसभा चुनाव के मतगणना में अब झामुमो आगे चल रही है। झमुमो अभी 33 सीटों पर आगे चल रहा है। इंडिया गठबंधन 56 वहीं एनडीए 24 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस 17 सीट पर आगे है। वहीं राजद भी 4 सीटों पर आगे चल रही है।