भारत के हिस्सा का भूजल का लेवल सबसे कम , पढ़ें ये खास रिपोर्ट

बीते कुछ समय में देश के अन्य हिस्सों की तुलना में उत्तर भारत में भूजल के स्तर में सर्वाधिक कमी आई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-गांधीनगर द्वारा किये गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 6 April 2023, 6:48 PM IST
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नयी दिल्ली: बीते कुछ समय में देश के अन्य हिस्सों की तुलना में उत्तर भारत में भूजल के स्तर में सर्वाधिक कमी आई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-गांधीनगर द्वारा किये गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।

अध्ययन के मुताबिक, देश में भूजल के स्तर में जितनी कमी आई है, उसमें 95 प्रतिशत कमी उत्तर भारत से है।

अध्ययन में पाया गया है कि भविष्य में बारिश में वृद्धि पहले से ही समाप्त हो चुके संसाधनों के पूरी तरह से पुनर्जीवन करने के लिए अपर्याप्त होगी।

आईआईटी-गांधीनगर के शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि भारत में भूजल की कमी तब तक जारी रहेगी, जब तक भूजल के अत्यधिक दोहन को सीमित नहीं किया जाता है, जिससे भविष्य में जल स्थिरता के मुद्दे सामने आएंगे।

शोधकर्ताओं ने कहा कि गैर-नवीकरणीय (अस्थिर) भूजल दोहन का भूजल भंडारण पर मुख्य रूप से प्रभाव पड़ता है, जिससे जल स्तर घट जाता है।

आईआईटी-गांधीनगर में सिविल इंजीनियरिंग और पृथ्वी विज्ञान विभाग में प्रोफेसर विमल मिश्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘भूजल के गहरे स्तर के अत्यधिक दोहन को रोकने के लिए नलकूप की गहराई को सीमित करना और निकासी लागत को शामिल करना फायदेमंद है।’’

प्रोफेसर विमल मिश्रा ने कहा, ‘‘ वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस के भीतर सीमित करने से उत्तर भारत में भूजल भंडारण को लाभ मिल सकता है।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह अध्ययन हाल ही में 'वन अर्थ' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, इसमें भूजल भंडारण परिवर्तनशीलता का अध्ययन करने के लिए केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा भूजल स्तर और उपग्रह अवलोकन से प्राप्त डेटा का विश्लेषण किया गया।

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