

भारत सरकार ने देश की एक दिग्गज कंपनी के अधिकारियों पर भारी जुर्माना लगाया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत सरकार ने सैमसंग और उसके अधिकारियों पर $601 मिलियन का बैक टैक्स और जुर्माना लगाया है। यह कदम कंपनी द्वारा टेलीकॉम उपकरणों के आयात पर शुल्क बचाने के लिए कथित रूप से की गई हेराफेरी के कारण उठाया गया है। यह कर निर्धारण अब तक के सबसे बड़े कर मामलों में से एक माना जा रहा है।
सैमसंग को यह भारी वित्तीय दंड उस समय दिया गया है जब कंपनी ने पिछले साल भारत में $955 मिलियन (लगभग ₹8,183 करोड़) का शुद्ध मुनाफा अर्जित किया था। हालांकि, सैमसंग इस निर्णय को टैक्स ट्रिब्यूनल या कोर्ट में चुनौती दे सकता है।
क्यों उठाई गई कार्रवाई?
सैमसंग की नेटवर्क डिवीजन टेलीकॉम उपकरणों का आयात करती है, जिनमें से एक प्रमुख उपकरण "रिमोट रेडियो हेड" (Remote Radio Head) है। यह उपकरण मोबाइल टावरों के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर 4G संचार प्रणाली में।
सरकारी जांच में यह पाया गया कि इस उपकरण पर 10% से 20% तक का टैरिफ लगाया जाता है, लेकिन सैमसंग ने इसे गलत तरीके से वर्गीकृत किया ताकि वह आयात शुल्क से बच सके। 2018 से 2021 तक, सैमसंग ने इस उपकरण का $784 मिलियन (लगभग ₹6,717 करोड़) का आयात किया, लेकिन उस पर कोई टैक्स नहीं चुकाया।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, सैमसंग ने जानबूझकर गलत दस्तावेज़ प्रस्तुत किए, ताकि कस्टम्स शुल्क से बचा जा सके। कस्टम्स कमिश्नर सोनल बजाज ने बताया कि कंपनी ने "व्यवसाय नैतिकता और उद्योग मानकों का उल्लंघन किया" और केवल मुनाफा बढ़ाने के लिए सरकार को धोखा दिया।
कैसे हुआ खुलासा?
इस मामले की जांच 2021 में शुरू हुई, जब भारतीय टैक्स अधिकारियों ने मुंबई और गुरुग्राम स्थित सैमसंग के दफ्तरों पर छापा मारा। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़, ईमेल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए। इसके बाद, कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों से भी पूछताछ की गई। सैमसंग ने अपनी सफाई में यह दावा किया कि यह डिवाइस सिग्नल ट्रांसमिट नहीं करता, इसलिए इस पर कोई आयात शुल्क नहीं लगना चाहिए।
सैमसंग ने अपने पक्ष में चार विशेषज्ञों की राय भी पेश की, लेकिन 2020 में सरकार द्वारा भेजे गए एक पत्र में सैमसंग ने खुद इस उपकरण को ट्रांससीवर (transceiver) के रूप में वर्गीकृत किया था, जो सरकार ने साक्ष्य के तौर पर पेश किया और सैमसंग को गलत ठहराया।
इसके बाद, सरकार ने सैमसंग पर ₹5,154 करोड़ की टैक्स देनदारी तय की, जिसमें ₹4,460 करोड़ (लगभग $520 मिलियन) बैक टैक्स और शेष राशि जुर्माना के तौर पर है। सैमसंग के लिए यह मामला एक बड़ी कानूनी चुनौती बन गया है और कंपनी ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने का संकेत दिया है।