भारत सरकार: कनाडा से अपने आरोपों के समर्थन में सबूत देने को कहा

डीएन ब्यूरो

कनाडा में एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या के संदर्भ में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत किसी जांच से इनकार नहीं कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भारत सरकार के एजेंट की संलिप्तता के कनाडा के आरोपों पर उसे सबूत मुहैया कराने को कहा। पढ़िए डाईनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

भारत सरकार: कनाडा से अपने आरोपों के समर्थन में सबूत देने को कहा
भारत सरकार: कनाडा से अपने आरोपों के समर्थन में सबूत देने को कहा


लंदन: कनाडा में एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या के संदर्भ में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत किसी जांच से इनकार नहीं कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भारत सरकार के एजेंट की संलिप्तता के कनाडा के आरोपों पर उसे सबूत मुहैया कराने को कहा।

जयशंकर ने यहां अनुभवी पत्रकार लियोनेल बार्बर के साथ ‘एक अरब लोग दुनिया को कैसे देखते हैं’ शीर्षक के साथ आयोजित कार्यक्रम में सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की।

ब्रिटेन की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां आए जयशंकर ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘अगर आपके पास ऐसा आरोप लगाने का कोई कारण है तो कृपया सबूत साझा करें क्योंकि हम जांच से इनकार नहीं कर रहे हैं...।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कनाडा ने अपने आरोप के समर्थन में भारत के साथ कोई सबूत साझा नहीं किया है।

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता के संबंध में सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के संबंध तनावपूर्ण हो गए। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था।

भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बेतुका’’ और ‘‘बेबुनियाद’’ बताकर खारिज कर दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जयशंकर ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ आती है और उन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग तथा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उस दुरुपयोग को बर्दाश्त करना बहुत गलत होगा।

उन्होंने कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर हमले या उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास पर बम हमलों का जिक्र किया और कहा कि भारतीय राजनयिकों को सार्वजनिक रूप से डराया गया था जबकि कनाडाई अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री ट्रूडो ने रेखांकित किया कि कनाडा भारत के साथ अभी कोई ‘‘लड़ाई’’ नहीं चाहता था, लेकिन उन्होंने अपने आरोपों को दोहराया और कहा कि ओटावा इस ‘‘बहुत गंभीर मामले’’ पर नयी दिल्ली के साथ ‘‘रचनात्मक रूप से काम’’ करना चाहता है।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि भारत ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर अपनी गंभीर चिंताओं से अमेरिकी पक्ष को अवगत कराया है।

क्वात्रा ने हाल में नयी दिल्ली में कहा, ‘‘जहां तक कनाडा का सवाल है, हम अपने सभी दोस्तों और साझेदारों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस मामले पर अपनी स्थिति के बारे में हमने कई मौकों पर विस्तार से बताया और समझाया है।










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