Independence Day 2022: इन वजहों से चुने गए तिरंगे के ये तीन रंग, जानिये इन रंगों के पीछे की पूरी कहानी

डीएन ब्यूरो

ये तो हम सभी को मालूम है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों का होता है। लेकिन क्या आपको ये मालूम है कि तिरंगे में यही तीन रंग (केसरिया, सफेद और हरा) किस वजह से शामिल किए गए हैं। इसके पीछे की वजह जानने के लिए पढ़े पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

राष्ट्रीय ध्वज
राष्ट्रीय ध्वज


नई दिल्ली: हम सभी को यह मालूम है कि तिरंगे में तीन रंग (केसरिया, सफेद और हरा) होता है। साथ ही इसमें नीले रंग का 24 तीलियों का चक्र भी होता है।

शायद ज्यादातर लोगों को इन रंगों के मायने भी पता होंगे। लेकिन क्या आपको ये पता है कि झंडे के लिए इन्हीं तीन रंगों को क्यों फाइनल किया गया।

तिरंगे झंडे के तीनों रंगों का अपना अलग-अलग महत्व है। झंडे के तीनों रंगों के माध्यम से उनके दार्शनिक मायने भी निकाले जाते हैं। तिरंगे के निर्माताओं ने झंडे के रंग को काफी सोच-समझकर और दूर-दृष्टि को ध्यान में रखते हुए चुना है।

तिरंगे के तीनों रंगों का चयन इस आधार पर किया गया है कि पूरा देश एक सूत्र में बंधा रहे।

झंडे के तीनों रंगों का महत्व

तिरंगे का पहला रंग केसरिया होता है, जो साहस और बलिदान को दर्शाता है। सफेद रंग सच्चाई, शांति व पवित्रता का और हरा रंग संपन्नता व हरियाली का प्रतीक है। तिरंगे के ये रंग देश की अखंडता और एकता को ध्यान में रखकर लिए गए हैं।

यह भी पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी चौकसी, जानिये ये अपडेट

इस वजह से फाइनल हुआ केसरिया रंग

केसरिया रंग न सिर्फ झंडे का ही रंग है, बल्कि यह आध्यात्म से जुड़ा हुआ रंग भी है। दर्शन शास्त्र के अनुसार यह रंग हिन्दू धर्म की निशानी है। शुभ कार्यों में पूजा-पाठ कराने वाले पंडित भी केसरिया रंग के कपड़ों का ही इस्तेमाल करते हैं। साथ ही हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस रंग को अग्नि का भी प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा बुद्ध, सिख व जैन भी इस रंग को अपने करीब मानते हैं। ऐसी कई वजहों से केसरिया रंग को आध्यात्म से जोड़ा गया है।

इसलिए चुना गया सफेद रंग 

तिरंगे के सफेद झंडे की बात करें तो दर्शन शास्त्र के अनुसार सफेद रंग स्वच्छता और ज्ञान का प्रतीक भी माना जाता है। ज्ञान की देवी मां सरस्वती की प्रतिमाओं में सफेद रंग की अधिकता होती है।

यह भी पढ़ें: कांग्रेस ने भीलवाड़ा में आजादी की गौरव यात्रा की शुरू, जानिये इससे जुड़ी खास बातें

हरा रंग चुनने के पीछे की वजह

तिरंगे का हरा रंग संपन्नता और हरियाली को दर्शाता है। इसको शामिल करने के पीछे की वजह भी दिलचस्प है। अगर बात करें दर्शन शास्त्र की तो हरे रंग का संबध उत्सव से है। यदि स्वास्थ्य के संदर्भ में देखा जाए तो हरा रंग आंखों को सुकून देता है और कई बीमारियों से भी राहत दिलाता है। इस प्रकार हरे रंग का जीवन से भी संबंध है।

वैसे तो तिरंगे झंडा 1906 में बनाया गया था और तब से यह कई बार परिवर्तित भी हो चुका है। 2022 में देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।










संबंधित समाचार