Azab Gazab: बिना शादी किए ही महिला बन गई तीन बच्चों की मां, सच्चाई जान पकड़ लेंगे अपना सिर

अगर आपसे ये कहा जाए कि एक महिला शादी से पहले ही तीन बच्चों की मां बन चुकी है, तो आपको सुनने में भले ही अटपटा लगेगा। पर बिहार में एक ऐसी ही घटना घटी है जिसे सुनकर आप अपना सिर पकड़ लेंगे। जानें क्या है पूरी कहानी डाइनामाइट न्यूज़ पर..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 5 September 2019, 12:21 PM IST
google-preferred

बिहार: एक गांव में एक महिला का ऐसा सच सामने आया है, जिसने सिस्टम पर ही बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एक आंगनवाड़ी की सेविका शादी से पहले ही तीन बच्चों की मां बन गई है। ये सुनने में भले ही अटपटा लगे, लेकिन ये मामला सच है। 

यह भी पढ़ें: Bihar मेंअय्याशी करते नजर आए JDU के नेता, लड़की संग वायरल हो रहा है वीडियो

झाझा प्रखंड के पैर गांव पंचायत अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 252 सबैजोर की सेविका नीतू कुमारी का चयन फर्जीवाड़ा से जुड़ा है। जब उनका और उनकी पहली बेटी की शैक्षणिक प्रमाण-पत्र मिलाया गया तो दोनों के उम्र में महज 11 साल 8 माह का अंतर पाया गया। 

यह भी पढ़ें: Bihar में Facebook पर शादीशुदा महिला को हुआ प्यार, पति को छोड़कर आई प्रेमी के पास, और फिर..

असल में मुखिया द्वारा निर्गत परित्यक्ता प्रमाण-पत्र के अनुसार आंगनवाड़ी सेविका की शादी साल 2006 में हुई थी। साल 2012 में उसका पति कपिलदेव प्रसाद वर्णवाल ने उसे छोड़ दिया था। जिसके बाद साल 2013 में संस्कृत शिक्षा बोर्ड से मध्यमा की परीक्षा का प्रमाण-पत्र पति कपिलदेव प्रसाद वर्णवाल ने ही रिसीव किया और 2015 के वोटर लिस्ट में सेविका नीतू के पति के रूप में कपिलदेव वर्णवाल का नाम शामिल है। जब RTI से जानकारी प्राप्त की गई तो इस फर्जीवाड़े का सच सामने आया।

RTI से प्राप्त जानकरी के अनुसार-

नीतू की जन्म तिथि 5 नवंबर 1987 

- उसकी प्रथम पुत्री नेहा की जन्म तिथि: 6 जुलाई 1999 

- पुत्र रवि रंजन की जन्म तिथि: 10 अक्टूबर 2002 

- पुत्र रितेश रंजन की जन्म तिथि: 5 मई 2005 

- मुखिया द्वारा निर्गत प्रमाण-पत्र में नीतू की शादी का वर्ष: 2006 

- नीतू की परित्यक्ता का वर्ष: 2012 

- मध्यमा परीक्षा उत्तीर्ण करने का वर्ष: 2013 

आंगनबाड़ी सेविका पद पर चयनित होने का वर्ष 2014