दर्शकों को खूब लुभा रही हैं हाई टेक रामलीलाएं

डीएन ब्यूरो

नवीनतम ऑडियो-विजुअल तकनीक ने इस बार राजधानी की रामलीलाओं को आधुनिक बना दिया है जिसमें एलईडी तकनीक का इस्तेमाल कर 3डी प्रभाव के जरिये दर्शकों को लुभाया जा रहा है।

फाइल फोटो
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नई दिल्ली: नवीनतम ऑडियो-विजुअल तकनीक ने इस बार राजधानी की रामलीलाओं को आधुनिक बना दिया है जिसमें एलईडी तकनीक का इस्तेमाल कर 3डी प्रभाव के जरिये दर्शकों को लुभाया जा रहा है।

हर बार की तरह इस बार भी राजधानी के विभिन्न इलाकों में रामलीलाऔ के आयोजन के साथ ही श्रीराम भारतीय कला केन्द्र की ओर से संगीत एवं नृत्य-नाटिका के माध्यम से संपूर्ण रामलीला का मंचन किया जा रहा है। इसमें नवीनतम ऑडियो-विजुअल तकनीक के इस्तेमाल के अलावा मंच पर 3डी प्रभाव लाने के लिए कग्राउंड में एलईडी स्क्रीन लगाई गई है। नृत्य-नाटिका का नाम श्रीराम है और इसमें दो घंटे 40 मिनट की अवधि के दौरान संपूर्ण रामायण दिखाई जाती है।

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इस नृत्य नाटिका में कुल 28 दृश्य होते हैं जिसमें भगवान श्री राम के जन्म से लेकर उनके स्वयंवर, वनवास, भरत-मिलाप, सीता-हरण, भरत-मिलाप, श्री राम की हनुमान और सुग्रीव से मित्रता, विभीषण से मिलन, राम-रावण युद्ध, रावण का बध और राम की अयोध्या वापसी के बाद राजतिलक के दृश्यों को दर्शाया जाता है। इन सभी 28 दृश्यों में नवीनतम तकनीक की मदद से मंच पर लगी कई एलईडी स्क्रीन पर राजमहल, वन, दरबार, पुष्पवाटिका आदि दिखाकर दृश्यों को और भी अधिक जीवंत बनाया जाता है जो दर्शकों का मन मोह लेते हैं। इसके मंचन में भव्य सेट का निर्माण किया जाता है

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वहीं राजधानी के पीतमपुरा इलाके में गैर सरकारी संगठन एनजीओ आर्यन हेरिटेज फ़ाउंडेशन की ओर से भी संपूर्ण रामायण नामक शो के जरिए रामलीला का मंचन किया जा रहा है जिसमें मल्टी लेयर एलईडी स्क्रीन का इस्तेमाल कर 3डी इफेक्ट्स लाने की कोशिश की गई है जिसे दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं। तीन घंटे 25 मिनट की इस संपूर्ण रामलीला के लिए 180 फुट लंबा स्टेज तैयार किया गया है जिसमें एक एलीवेटेड स्टेज समेत छह छोटे स्टेज भी है। इस रामलीला को एक फिल्म की तरह दर्शाया जाता है।

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दिल्ली के एतिहासिक लालकिला के निकट होने वाली लव कुश राम लीला में भी दर्शकों को आकर्षित करने के लिए आधुनिक एलईडी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। रामलीला के मंचन के लिए यहां करीब 150 फुट लंबा मंच तैयार किया गया है जो कि नवीनतम तकनीक से लैस है। रामलीला के मंचन के दौरान दृश्यों को आकर्षक तथा पात्रों द्वारा बोले जाने वाले संवादों को प्रभावशाली बनाने के लिए नवीनतम ऑडियो-विजुअल तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

लालकिला के निकट होने वाली रामलीलाओं में नव श्री धार्मिक लीला कमेटी की ओर से आयोजित रामलीला भी एक है। इसका मंचन 1958 से किया जा रहा है। यहां की रामलीला की खासियत ही आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल है। प्रत्येक दिन यहां लोगों को रामलीला मंचन के दौरान कोई न कोई नयी तकनीक से कलाकारी दिखाई जाती है। इस रामलीला में महत्वपूर्ण पात्र निभाने वाले कलाकार उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और बरेली से रघुवंश कला मंच नामक नाटक मंडली से जुड़े कलाकारों को बुलाया जाता है। इनमें मुस्लिम कलाकार भी शामिल होते हैं। इस रामलीला में संजय पिछले 25 वर्षों से रावण का किरदार को निभा रहे हैं। ( वार्ता )










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