NASA: करोड़पति बनने का सुनहरा मौका! बस सुलझाना होगा नासा का ये रहस्य

नासा में लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने की योजनाएं बन रही हैं, लेकिन एक अहम सवाल सामने खड़ा होता है कि वहां पैदा होने वाले जैविक कचरे का क्या होगा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 April 2025, 5:24 PM IST
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नई दिल्ली: मानव सभ्यता अब उस मोड़ पर आ चुकी है, जहां चांद पर जाना कोई कल्पना नहीं बल्कि हकीकत बन चुका है। लेकिन जैसे-जैसे लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने की योजनाएं बन रही हैं, एक अहम सवाल सामने खड़ा होता है कि वहां पैदा होने वाले जैविक कचरे का क्या? खासकर इंसानों के मल, मूत्र और उल्टी जैसी चीजों का प्रबंधन कैसे होगा? 

डाइनामाइट न्यूज के संवाददाता के अनुसार, इसी जटिल समस्या का समाधान खोजने के लिए NASA ने 'LunaRecycle Challenge' की शुरुआत की है।

अपोलो मिशन की गंदगी बनी चेतावनी 

1969 से 1972 के बीच अपोलो मिशनों के दौरान जब पहली बार इंसान चांद पर पहुंचा था, तो वहां कई वैज्ञानिक उपकरणों के साथ-साथ 96 बैग जैविक कचरा भी छोड़ दिया गया था। आज भी ये बैग चांद की सतह पर पड़े हैं। नासा इस बार वही गलती दोहराना नहीं चाहता। अब जब स्थायी अंतरिक्ष मिशनों की तैयारी चल रही है, तो उनका फोकस जैविक अपशिष्ट को उपयोगी संसाधन में बदलने पर है।

क्या है LunaRecycle Challenge?
 
दरअसल, LunaRecycle Challenge एक वैश्विक प्रतियोगिता है, जिसका मकसद ऐसी तकनीक तैयार करना है जो अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा उत्पन्न जैविक कचरे को प्रभावी तरीके से रीसाइकिल कर सके। इसमें वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, इंजीनियरों, इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स को शामिल होने का मौका दिया गया है। यह तकनीक न केवल अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य और संसाधन प्रबंधन के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पृथ्वी पर भी कचरा प्रबंधन की दिशा में क्रांतिकारी कदम हो सकता है।

चैलेंज में भाग लेने के लिए क्या चाहिए?
  
प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रतिभागियों को ऐसा आइडिया पेश करना होगा जो मल, पेशाब और उल्टी जैसे कचरे को सुरक्षित रूप से प्रोसेस कर सके। इस प्रक्रिया से अगर पानी, खाद या ऊर्जा जैसे उपयोगी उत्पाद मिल सकें और यह प्रणाली कम स्थान में काम करे, तो उसे आदर्श माना जाएगा। इस तकनीक को इस तरह डिजाइन करना होगा कि वह चंद्रमा या मंगल पर दीर्घकालिक मानव मिशनों के लिए उपयुक्त हो।

कौन ले सकता है हिस्सा?
  
इस प्रतियोगिता में कोई भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी दुनिया के किसी भी कोने से भाग ले सकती है। इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप किसी अंतरिक्ष एजेंसी से जुड़े हों। अगर आपके पास कोई अभिनव और व्यावहारिक विचार है, तो आप इस वैश्विक चैलेंज का हिस्सा बन सकते हैं। फिलहाल, प्रतियोगिता का पहला चरण 31 मार्च 2025 को समाप्त हो चुका है और अब NASA इसमें आए प्रस्तावों की समीक्षा कर रहा है।

धरती के लिए भी फायदेमंद होगी यह तकनीक
 
NASA का मानना है कि अगर यह तकनीक सफल होती है, तो इसका उपयोग पृथ्वी पर भी बड़े स्तर पर हो सकता है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों, आपदा-प्रभावित इलाकों या संसाधन-सीमित जगहों में यह प्रणाली कचरा प्रबंधन के नए विकल्प प्रदान कर सकती है। इससे जहरीले कचरे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और स्वच्छता के क्षेत्र में नई क्रांति आ सकती है।