गोवा: विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण बाधित किया, सदन से बाहर निकाला गया
गोवा विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई के अभिभाषण को बाधित करने की कोशिश की और उनसे महादयी नदी जल मार्ग परिवर्तन मुद्दे पर बयान देने की मांग की। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
पणजी: गोवा विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई के अभिभाषण को बाधित करने की कोशिश की और उनसे महादयी नदी जल मार्ग परिवर्तन मुद्दे पर बयान देने की मांग की।
बाद में मार्शल ने विपक्ष के सदस्यों को सदन से बाहर निकाला।
कर्नाटक द्वारा महादयी नदी की सहायक नदियों -कलसा और बंदूरी - पर बांधों के निर्माण के माध्यम से नदी के पानी को मोड़ने को लेकर गोवा और कर्नाटक के बीच लंबे समय से विवाद है।
गोवा सरकार ने तर्क दिया है कि कर्नाटक महादयी नदी के पानी को मोड़ नहीं सकता, क्योंकि यह महादयी वन्यजीव अभयारण्य से होकर गुजरता है, जो उत्तरी गोवा में नीचे की ओर स्थित है।
यह भी पढ़ें |
महादयी जल विवाद पर गोवा विधानसभा के रुख के समर्थन में सामने आये राज्यपाल
केंद्र ने कर्नाटक द्वारा दो बांधों के निर्माण के लिए प्रस्तुत एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को हाल में मंजूरी दी है।
गोवा विधानसभा में राज्यपाल ने सोमवार को जैसे ही अभिभाषण आरंभ किया, काले कपड़े पहने कांग्रेस, गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य खड़े हो गए।
विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ (कांग्रेस) ने मांग की कि राज्य महादयी जल विवाद पर बयान दें। उन्होंने नदी के मामले में राज्य के हितों को बचाने में ‘‘नाकाम’’ रहने पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से इस्तीफे की भी मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावडकर ने सदस्यों को राज्यपाल का अभिभाषण बाधित नहीं करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन विपक्षी सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे और सदन के बीचों-बीच आ गए, जिससे विधानसभा में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।
यह भी पढ़ें |
मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी संकट के बीच बीजेपी ने जारी किया अपने विधायकों के लिए व्हिप
बाद में, मार्शल ने ‘रिवोल्यूशनरी गोअन्स पार्टी’ के विधायक वीरेश बोरकर को छोड़कर विपक्ष के शेष सभी सदस्यों को सदन से निकाल दिया।
राज्यपाल ने विपक्ष के सदस्यों की अनुपस्थिति में अपना भाषण जारी रखा।
जीएफपी प्रमुख विजय सरदेसाई ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वे महादयी जल विवाद पर राज्यपाल से बयान देने की मांग कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह गोवावासियों के जीवन-मरण का सवाल है। हम चाहते थे कि राज्यपाल बयान दें।’’