Ghaziabad News: गाजियाबाद की बदलेगी सूरत, नगर निगम ने लिया ये फैसला

अब जिले की सूरत बदलने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। जिससे लाखों लोगों को राहत मिलने वाली है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये खास रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 29 March 2025, 1:08 PM IST
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गाजियाबाद: नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में शुक्रवार को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 3722 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी गई। यह बजट शहर के 100 वार्डों में विकास कार्यों के लिए खर्च किया जाएगा। जिससे सड़क मरम्मत, सीवर, पानी आपूर्ति, स्ट्रीट लाइट और अन्य बुनियादी सुविधाओं को मजबूती मिलेगी।

पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ा बजट

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 2413 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित था, लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 3722 करोड़ रुपये किया गया है। इस दौरान नगर निगम की आय का अनुमानित आंकड़ा 2754 करोड़ रुपये रखा गया है। जिसमें संपत्ति कर, लाइसेंस शुल्क, ठेका, किराया, सरकारी अनुदान समेत अन्य स्रोतों से राजस्व जुटाने की योजना है।

पत्रकार किरणपाल राणा को श्रद्धांजलि

बैठक की शुरुआत में वरिष्ठ पत्रकार किरणपाल राणा के निधन पर नगर निगम कार्यकारिणी सदस्यों और कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

रिश्वत मांगी तो होगी बर्खास्तगी

बैठक में वार्ड 27 के पार्षद नरेश जाटव ने शिकायत की कि विजयनगर जोनल कार्यालय में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए रिश्वत मांगी जा रही है। इस पर महापौर सुनीता दयाल ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि जोनल कार्यालयों की औचक जांच कराई जाएगी। यदि कोई कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया तो बर्खास्तगी के साथ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

विज्ञापनों से राजस्व बढ़ाने पर जोर

वार्ड 59 के पार्षद राजीव शर्मा ने बैठक में शहर में अवैध होर्डिंग और विज्ञापनों पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सुझाव दिया कि नए स्थानों को चिह्नित कर विज्ञापन से होने वाली आय में बढ़ोतरी की जा सकती है। इसके लिए मार्केट सर्वे के आधार पर विज्ञापन दर तय करने और पार्षदों व अधिकारियों की संयुक्त कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि मास्टर प्लान के तहत सड़क श्रेणियों के अनुसार व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्र की दरें तय की जाएंगी। इसके बाद सामान्य भवनों की दरें भी तय कर वसूली की जाएगी।