George Foreman Passes Away: नहीं रहे महान मुक्केबाज जॉर्ज फोरमैन, जानिए कैसा रहा उनका सफर

बॉक्सिंग के दिग्गज और दो बार के हेवीवेट चैंपियन जॉर्ज फोरमैन ने शुक्रवार को दुनिया से अलविदा कह दिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 22 March 2025, 9:33 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: महान मुक्केबाज जॉर्ज फोरमैन का निधन हो गया। वे 76 साल के थे। उन्होंने शुक्रवार को अंतिम सांस ली। उनके निधन से खेल और मुक्केबाजी की दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई। उनके परिवार ने उनकी मौत की पुष्टि की। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उनके परिवार ने एक पोस्ट में कहा कि वे एक श्रद्धालु प्रचारक, समर्पित पति, प्यार करने वाले पिता, गर्वित दादा और परदादा थे। उनका जीवन अटूट विश्वास, विनम्रता और उद्देश्य से परिपूर्ण था।

रिंग पर मुक्केबाज जॉर्ज फोरमैन

परिवार ने आगे कहा कि एक महान मानवतावादी, ओलंपियन और दो बार के हेवीवेट चैंपियन के रूप में उन्हें गहरी सम्मान दिया जाता था। वे अनुशासन, दृढ़ संकल्प और अपनी विरासत की रक्षा करने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने अपने अच्छे नाम को बनाए रखने के लिए हमेशा संघर्ष किया।

जानकारी के अनुसार रिंग में 'बिग जॉर्ज' के नाम से मशहूर फोरमैन ने 1960 के दशक से अपने करियर की शुरुआत की थी और ओलंपिक में स्वर्ण पदक सहित कई खिताब जीते थे। वे दो बार वर्ल्ड हेवीवेट चैंपियन बने।

मुक्केबाज जॉर्ज फोरमैन अपने परिवार के साथ 

फोरमैन ने 1973 में अपना पहला विश्व खिताब जीता और 1994 में 45 वर्ष की उम्र में दोबारा यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने 1997 में बॉक्सिंग से संन्यास ले लिया।

मूल रूप से टेक्सास निवासी फोरमैन ने अपने मुक्केबाजी करियर की शुरुआत एक ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता के रूप में की थी। 1973 में फ्रेजियर को हराकर हेवीवेट डिवीजन के शिखर पर पहुंचकर उन्होंने विपक्षी मुक्केबाजों में भय पैदा कर दिया था। हालांकि, अली से हारने के बाद फोरमैन ने कुछ साल के बाद खेल छोड़ दिया था।

हालांकि, मुक्केबाजी के लिए उनके जज्बे ने उन्हें 1994 में वापसी के लिए प्रेरित किया। हालांकि, वापसी के बाद और बिजनेसमैन और एक्टर बनने से पहले उन्होंने सिर्फ चार फाइट लड़ीं। उन्हें जॉर्ज फोरमैन ग्रिल, जो कि एक कूकिंग मशीन है, उसके चेहरे के रूप में भी जाना जाता है। इसकी 100 मिलियन यूनिट्स बिकीं, जिसने फोरमैन को काफी अमीर बना दिया। 

फोरमैन के 12 बच्चे थे, जिनमें से पांच बेटों का नाम जॉर्ज था। उन्होंने अपनी वेबसाइट पर बताया था कि उन्होंने सभी बेटों का नाम अपने नाम पर इसलिए रखा ताकि वे हमेशा एकजुट रहें।

Published : 
  • 22 March 2025, 9:33 AM IST

Related News

No related posts found.