Gorakhpur: 80 साल के बुजुर्ग डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट, पढ़े पूरा मामला

गोरखपुर में जालसाजों ने एक 80 वर्षीय रिटायर डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर लिया, जिसके लेकर परिवार में हड़कम्प मचा गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 30 September 2024, 12:37 PM IST
google-preferred

Gorakhpur: यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) जनपद के कैंट क्षेत्र में रहने वाले 80 वर्षीय रिटायर डॉक्टर को शनिवार की शाम जालसाजों (Fraudster) ने डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) कर परिवार में हड़कम्प मचा दिया। जालसाजों ने मामला रफा-दफा करने के लिए कूरियर में ड्रग्स के मिलने की खबर देकर दो लाख रुपये की मांग की थी।

डॉक्टर दवा खाने के लिए उठे और दरवाजे से सीधे बाहर निकल गए। घबराए चिकित्सक पड़ोसी अधिवक्ता (Advocate) के पास गए तो उन्होंने डिजिटल अरेस्ट के फर्जीवाड़ा (Forgery) को समझा और फोन को डिस्कनेक्ट कर डॉक्टर को बचा लिया। रविवार को रिटायर चिकित्सक अपनी शिकायत लेकर साइबर थाने पहुंचे और आपबीती बताई।

ड्रग्स कहकर बुजुर्ग डॉक्टर को डराया

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, रिटायर चिकित्सक शनिवार की शाम में मोहल्ले में मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। देर शाम सात बजे वह घर लौटे तो उनके पास एक कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को नारकोटिक्स विभाग (Narcotics Department) का बताते हुए कहा कि आपने कूरियर मंगाया है, जिसमें ड्रग्स (Drugs) है। आप को जेल होगी। इस उम्र में जेल का नाम सुनते ही वह हैरान हो गए। उन्होंने कूरिअर (Courier) मंगाने से इनकार कर दिया लेकिन जालसाज ने डॉक्टर का नाम बताते हुए कहा कि उसके पास कई सुबूत हैं। 

एडवोकेट पड़ोसी ने बचाया

डॉक्टर सहम गए और जालसाज जो कहता गया, वह करते चले गए। वीडियो कॉल पर आने के बाद उसने कहा कि आपकी बड़े साहब से बात करा देते हैं, आपकी उम्र तो ज्यादा है, लगता है आप को फंसाया गया है। इसके बाद वीडियो कॉल पर एक वर्दी वाला अफसर आया तो डॉक्टर को यकीन हो गया कि वह पुलिस वाला ही है। बातचीत के दौरान उनसे दो लाख रुपये के इंतजाम की बात कही। बताया गया कि रुपये देकर मामला रफा-दफा कर दीजिए।

इसके बाद वह और बेचैन हो गए और दवा खाने की अनुमति मांग लिए। दवा के बहाने उठते ही वह बेचैन होकर बाहर चले गए। तभी उनकी नजर पड़ोसी अधिवक्ता पर पड़ गई। उन्होंने बताया तो वह तुरंत ही समझ गए, उनके साथ जालसाजी की कोशिश की जा रही है। उनके समझाने पर वह माने और फिर कई बार कॉल आने पर भी नहीं उठाए।

पहले भी आ चुके हैं कई मामले

इससे पहले सिविल लाइंस इलाके के एक स्कूल की प्रिंसिपल को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 12.56 लाख रुपये की जालसाजी का मामला सामने आया था। वह 13 मई से लगाए 24 मई तक जालसाजों के संपर्क भी थीं। इस दौरान वह अपनी पल-पल की सूचनाएं जालसाजों को देती रहीं। प्रिंसिपल से कस्टम अधिकारी बनकर जालसाजी की घटना को अंजाम दिया गया था।

डिजिटल फ्राड की बढ़ रही है तादाद 
वहीं दूसरा मामला मिर्जापुर का है। जहां गोरखपुर में एक कंपनी में मैनेजर पद पर काम करने वाला युवक, जो वह गोलघर इलाके में किराए का कमरा लेकर रहता है। उसे सीबीआई अफसर बनकर 48 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 14 लाख 96 हजार रुपये ऐंठने का मामला सामने आ चुका है। तीसरा मामला खजनी थाना क्षेत्र खुटभार शत्रुघ्न जैसवाल को डीआइजो गोरखपुर बन कर फ्राड किया गया था। 

चौथा मामला शाहपुर के हरिद्वारपुरम से आया, जहां कालोनी निवासी ऑलविन अर्विन्द बर्नाड एसबीआई (SBI) में शाखा प्रबंधक (Branch Manager) पद से कुछ वर्ष पहले रिटायर हुए थे। बीते 31 जुलाई को उनको डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया। वह 33 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रहे। 

CBI ऑफिसर बनकर किया कॉल 
पांचवा मामला तिवारीपुर में रहने वाले बैंक कर्मी कमलनाथ विश्वास का है। जिनकी पत्नी प्रज्ञा विश्वास को भी सीबीआई का अफसर (CBI Officer) बनकर डिजिटल अरेस्ट का मामला प्रकाश में आ चुका है। ऑनलाइन रहते हुए पत्नी ने दूसरे नंबर से पति को कॉल कर मां की बीमारी के नाम पर रुपये मांगे। शक होने पर वह घर पहुंचे तो पत्नी परेशान हाल मोबाइल के सामने बैठी थी, उसे समझाकर फोन कटवाया।

अगर आप युवा है और नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आप हमारी 'युवा डाइनामाइट' को विजिट कर सकते हैं। 
https://www.yuvadynamite.com/