Crime in Lucknow: यूपी के व्यापारी के अपहरणकांड में तीन गिरफ्तार, जानिये सनसनीखेज खुलासा

लखनऊ में एक अपहरण कांड का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इनके कब्जे से दो व्यापारियों को सकुशल मुक्त करा लिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 25 March 2025, 4:33 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरोजनीनगर पुलिस ने एक बड़े अपहरण कांड का खुलासा करते हुए तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी व्यापारियों को अगवा कर उनसे फिरौती की मांग करते थे। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों की पहचान पारा के कुल्हड़ कट्टा निवासी आकाश यादव, डिप्टी खेड़ा निवासी प्रदीप पाल और मोहान रोड निवासी आदर्श दुबे के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके कब्जे से दो व्यापारियों को सकुशल मुक्त करा लिया है।  

इंस्टाग्राम के जरिए फंसाते थे आरोपी 

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर "साई हवाला ट्रेडर्स" के नाम से फर्जी पेज चला रहे थे। वे व्यापारियों से संपर्क कर उन्हें काले धन को सफेद करने के नाम पर 10 प्रतिशत कमीशन देने का झांसा देते थे। इसी धोखाधड़ी के जाल में बेंगलुरु निवासी व्यापारी "मंजूनाथ" फंस गए और 22 मार्च को लखनऊ पहुंचे।  

अपहरण और फिरौती की मांग

पुलिस के मुताबिक मंजूनाथ जब लखनऊ पहुंचे तो उन्होंने अपनी पत्नी रेखा को वीडियो कॉल कर अपनी लोकेशन की जानकारी दी। लेकिन शाम होते ही उनके मित्र लोहित बीजी को एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसमें मंजूनाथ के अपहरण की सूचना दी गई। फोन करने वाले ने एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी और रकम न देने पर जान से मारने की धमकी दी।  

इस घटना की जानकारी मिलते ही बेंगलुरु निवासी "सैयद दानिश" ने पुलिस को ईमेल के जरिए शिकायत दी। लखनऊ पुलिस तुरंत सक्रिय हुई और जांच शुरू कर दी। आधुनिक तकनीकों की मदद से पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और मंजूनाथ समेत उनके साथी "सैय्यद इसरार अहमद" को सुरक्षित छुड़ा लिया।

पहले भी लखनऊ आए थे मंजूनाथ

पुलिस जांच में यह भी पता चला कि मंजूनाथ पहले 12 मार्च को भी लखनऊ आए थे। तब उनकी इंस्टाग्राम पर "राजू" नाम के व्यक्ति से बातचीत हुई थी, जो काले धन को सफेद करने का लालच दे रहा था। हालांकि, उस समय मंजूनाथ की मुलाकात आरोपियों से नहीं हो पाई थी। इस बार उन्होंने अपने कानपुर निवासी दोस्त "सैय्यद इसरार अहमद" को भी लखनऊ बुला लिया था।  

दोनों व्यापारी 22 मार्च को जब शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय के गेट नंबर दो पर पहुंचे, तो आरोपियों ने उन्हें अगवा कर लिया। इसके बाद मंजूनाथ के फोन से ही उनके परिजनों को फिरौती के लिए कॉल किया गया।  

अपहरण का खुलासा 

सरोजनीनगर पुलिस की तुरंत कार्रवाई से इस अपराध का पर्दाफाश हो सका। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे व्यापारियों को धोखे से बुलाते थे और फिरौती मांगने के बाद उन्हें छोड़ देते थे।  

फिलहाल पुलिस इस मामले से जुड़े एक अन्य आरोपी "विवेक यादव" की तलाश कर रही है, जो पारा के समदा इलाके का रहने वाला है। पकड़े गए तीनों आरोपी अभी पढ़ाई कर रहे हैं और अवैध रूप से पैसे कमाने के लालच में इस तरह के अपराधों को अंजाम दे रहे थे।