आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान को बचाने के लिए पूर्व पीएम ने पेश की ये खास योजना
पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को लाहौर में एक भव्य जनसभा की और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को उबारने के लिए तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) का 10 सूत्री खाका पेश किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
लाहौर: पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को लाहौर में एक भव्य जनसभा की और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को उबारने के लिए तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) का 10 सूत्री खाका पेश किया।
रविवार तड़के मीनार-ए-पाकिस्तान पर आयोजित जनसभा में इमरान ने देश की सत्तारूढ़ पार्टी को अलग-अलग मोर्चे पर संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को उबारने की योजना पेश करने की चुनौती दी।
पीटीआई प्रमुख ने कहा, “मैं चुनौती देता हूं कि मौजूदा सरकार में (देश को बचाने की) क्षमता या नीयत नहीं है। अगर सरकार मुझसे कहती है कि उसके पास (देश को संकट से उबारने की) योजना है, तो मैं हंसी-खुशी किनारे हो जाऊंगा।”
‘द डॉन’ अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक, 70 वर्षीय इमरान ने कहा, “मैं जानता हूं कि क्या योजना है। उनके पास कोई योजना नहीं है।”
पूर्व प्रधानमंत्री ने पीटीआई का 10 सूत्री रोडमैप पेश करते हुए कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों को पाकिस्तान में निवेश करने के प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि मदद के लिए बार-बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जाने की जरूरत न पड़े।
उन्होंने कहा, “हम उन सभी लोगों की मदद करेंगे, जो सामान निर्यात करेंगे और देश में डॉलर ले आएंगे।”
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने आईएमएफ के ऋण कार्यक्रम की बहाली के लिए उससे संपर्क किया है।
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इमरान ने जोर देकर कहा कि देश को कर संग्रह और निर्यात बढ़ाने के लिए कठोर फैसले लेने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “हमारे घर को दुरुस्त करने के लिए एक बड़ी सर्जरी की जरूरत है। प्रवासी पाकिस्तानी अपने डॉलर पाकिस्तान भेजेंगे, बशर्ते उन्हें इस बाबत प्रोत्साहित किया जाए।”
इमरान ने दावा किया कि 22 करोड़ पाकिस्तानियों में से महज 25 लाख ही कर चुकाते हैं। उन्होंने कहा, “तरक्की के लिए कर का आधार बढ़ाने की जरूरत है।”
पीटीआई प्रमुख ने युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण देने और कर्ज योजना को दोबारा शुरू करने का सुझाव भी दिया।
इमरान ने कहा कि सत्ता में आने पर उनकी सरकार पर्यटन को बढ़ावा देगी और राजस्व में इजाफा करने के लिए खनिज क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर देश में चीन के सहयोग से कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में काम किया जाएगा।
इमरान ने कहा कि पीटीआई की सरकार धन शोधन पर लगाम लगाने के उपाय करेगी और मौजूदा बजट घाटे को कम करने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
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अपनी जान को खतरा होने का दावा करने वाले इमरान ने बुलेट-प्रूफ कांच के पीछे खड़े होकर जनसभा को संबोधित किया। पाकिस्तानी मीडिया ने पीएमएल-एन नीत सरकार के ‘दबाव’ की वजह से जनसभा का प्रसारण नहीं किया। सरकार को शक्तिशाली सेना का समर्थन हासिल है।
इमरान की रैली को असफल करने के लिए पुलिस ने मीनार-ए-पाकिस्तान की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों को कंटेनर और बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया था, जिसके चलते लोग लंबी दूरी से पैदल चलकर रैली स्थल पर पहुंचे।
इसके अलावा, लाहौर के कई हिस्सों, खासकर रैली वाले क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गई थीं।
रैली से पहले इमरान ने 2,000 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने और प्रताड़ित करने के लिए पीएमएल-एन नीत सरकार और उसके आकाओं (परोक्ष तौर पर सेना) को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा, “एक बात तो साफ है कि सत्ता में जो भी होगा, उसे आज संदेश जाएगा कि लोगों के जुनून को बाधाओं और कंटेनर से नहीं दबाया जा सकता।”
पीटीआई प्रमुख ने सत्ता में बैठे लोगों से कहा कि अगर उनके पास देश को आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने के लिए कोई एजेंडा है, तो वह घर बैठने के लिए तैयार हैं।
इमरान ने यह भी कहा, “पाकिस्तान में आज सत्ता के गलियारे जिस तरह से बर्ताव कर रहे हैं, उससे लगता है कि देश की एकमात्र समस्या इमरान खान ही हैं।”