फतेहपुर: सिंचाई विभाग के कारनामे से हर कोई हैरान, क्षतिग्रस्त पुल पर कर दिया ये काम

डीएन ब्यूरो

यूपी के फतेहपुर जनपद में नहर पर क्षतिग्रस्त पुल दुर्घटनाओं को दावत दे रहा है। लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को विवश हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

टूटे पुल पर बना दिया बाउंड्री वॉल
टूटे पुल पर बना दिया बाउंड्री वॉल


फतेहपुर: सुजानपुर के नगर पंचायत के बस स्टॉप के पास जरौली पंप कैनाल से निकली नहर पर बना क्षतिग्रस्त पुल दुर्घटना को दावत दे रहा है। लोग जान जोखिम में डालकर इस पर यात्रा करने को विवश हैं। सिंचाई विभाग ने पुल पर आनन-फानन में बाउंड्री वॉल बनाकर अपनी जिम्मेदारियो से मुँह फेर लिया है। इसे लेकर लोगों में विभागीय अधिकारियों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के प्रति काफी नाराजगी हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ब्लॉक मुख्यालय असोथर को जिला मुख्यालय समेत राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाले असोथर-थरियांव मार्ग पर प्रेममऊ कटरा गांव के पास निचली रामगंगा नहर से निकली छोटी नहर पर नगर पंचायत के बस स्टॉप के पास बने पुल की रेलिंग और स्लैब करीब 5 से 6 वर्ष से टूट कर नहर में गिर गया था। 

क्षतिग्रस्त और जर्जर पुल से गिरकर अक्सर लोग घायल होते रहते हैं। लोगों ने विभागीय अधिकारियों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से कई बार पुल के मरम्मत की मांग की लेकिन पुल की मरम्मत नहीं हो सकी है। 

क्या बोले ग्रामीण

दिनेश सविता ने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कई बार पुल का निरीक्षण किया और पुल के जल्द ही मरम्मत का वादा भी किया लेकिन आज तक वादा पूरा नहीं हो सका है। उन्हें शायद किसी बड़ी घटना का इंतजार है। 

संतोष गुप्ता ने कहा कि पुलिया की हालत काफी खराब हो गई है। रेलिंग और स्लैब टूट कर नहर में गिर रही है। ग्रामीणों के काफी भाग दौड़ के बाद भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यह पुलिया जनपद व असोथर ब्लॉक को आपस में जोड़ती है।

भाकियू ब्लॉक अध्यक्ष सोनू सिंह गौतम ने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कई बार पुल का निरीक्षण किया और पुल के जल्द ही निर्माण का वादा भी किया लेकिन पुल तो बना नहीं लेकिन विभाग ने क्षतिग्रस्त पुल की बाउंड्री वॉल जरूर बना दिया है।

नीरज मौर्य ने कहा कि क्षतिग्रस्त पुलिया पर 5 वर्ष बाद भी किसी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ी है। किसानों को धान और गेंहू की कटाई के लिए खेतों तक हार्वेस्टर पहुंचाने में कई किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय  करनी पड़ती है। 

क्या बोले जिम्मेदार

इस संबंध में सिंचाई विभाग के जेई सुरेश सचान ने कहा कि अभी हाल में वॉल बनवा दिया गया है। पुलिया के मरम्मत के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। शासन से स्वीकृति मिलते ही सम्पूर्ण पुल का निर्माण कार्य करा दिया जाएगा।










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