Farmers Protest: किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव, आंदोलन करेंगे और तेज, राजमार्गों को जाम करने की चेतावनी

डीएन ब्यूरो

कृषि कानूनों के खिलाफ दो हफ्तों से आंदोलन कर रहे किसानों ने आज सरकार से दिये गये प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है। किसाने पूरे कृषि कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। पढिये, डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

किसानों के आंदोलन को दो सप्ताह पूरे
किसानों के आंदोलन को दो सप्ताह पूरे


नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ दो हफ्तों से आंदोलन कर रहे किसानों ने आज सरकार से मिले प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है। इसके साथ ही किसानों ने आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया है।किसान सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसानों का कहना है कि यदि सरकार जिद्दी है तो हम भी हरगिज पीछे नहीं हटेंगे।

दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर स्थित सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रेसीडेंट दर्शन पाल ने कहा कि हमने सरकार से मिले प्रस्ताव को रिजक्ट कर दिया है। इसी के साथ उनके साथ मौजूद अन्य किसान नेताओं ने कहा कि वे अब अपना आंदोलन और तेज करेंगे।

सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा कि वे अब 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा राजमार्ग को जाम करेंगे। वे किसी भी कीमत पर सरकार के दबाव में नहीं आएंगे और नये कानूनों के रद्द होने तक आंदोलन करते रहेंगे।

किसानों ने कहा कि अब पूरे देश में आंदोलन होगा। सरकार के मंत्रियों का घेराव होगा। 12 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा फ्री करेंगे। दिल्ली की सड़कों को जाम करेंगे। किसान नेताओं ने रिलायंस जियो के उत्‍पादों का बहिष्‍कार करने का भी ऐलान किया है। किसान नेताओं ने कहा कि बीजेपी के नेताओं का पूरे देश में घेराव होगा। 

अब तक सरकार और किसान संगठनों के बीच छह दौर की बातचीत हो चुकी है। कल शाम भी गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ किसान नेताओं से बातचीत की। केंद्र सरकार ने साफ़ कर दिया है कि नए कृषि क़ानून वापस नहीं लिए जाएँगे। हालांकि सरकार ने किसानों को कानून में कुछ संशोधन करने का प्रस्ताव जरूर दिया। सरकार ने आज लिखित में ये प्रस्ताव किसानों को सौंपे, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया। किसान सभी नये कृषि कानूनों को खत्म करने पर अड़े हुए है। 










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