

कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के बीच टिकरी बॉर्डर से एक दुखद खबर है। सरकार के रवैये से आहत एक किसान ने यहां फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के बीच दिल्ली की सीमा पर स्थित टिकरी बॉर्डर से एक दुखद खबर है। यहां आंदोलन के लिये आये एक 52 साल के किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर दी। फांसी लगाकर जान देने से पहले किसान ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ी, जिसमें सरकार के रवैये से आहत होकर फांसी लगाकर आत्महत्या करने की बात लिखी गई है।
मृतक किसान की पहचान कर्मबीर (52) के रूप में की गई, जो हरियाणा के जींद जिला के सिंघवाल गांव का रहने वाला था। कर्मबीर ने मरने से पहले अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्होंने केंद्र सरकार के खराब रवैये निराश होकर ये कदम उठाया है। किसान का शव फंदे से निकाल कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
मृतक किसान कर्मबीर ने सुसाइड नोट में लिखा कि भारतीय किसान युनियन जिन्दाबाद। प्यारे किसान भाइयों ये मोदी सरकार तारीख पर तारीख देता जा रहा है, इसका कोई अंदाजा नहीं कि ये काले कानून कब रद्द होंगे। जब तक ये काले कानून रद्द नहीं होंगे तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक कर्मबीर बीती रात ही वह अपने जींद के गांव से टिकरी बॉर्डर पहुंचे था। कर्मबीर की तीन बेटियां हैं और एक बेटी की शादी हो चुकी है।
इसस पहले टिकरी बॉर्डर पर ही जय भगवान ने जहर खा लिया था। इलाज के दौरान संजय गांधी अस्पताल में भर्ती जय भगवान की मौत हो गई थी।
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