ईडी ने महाराष्ट्र की एक सहकारी समिति के अध्यक्ष की 60 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्क,जानिये पूरा मामला

निवेशकों की करीब 200 करोड़ रुपये की राशि में कथित हेराफेरी और ठगी से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत महाराष्ट्र की एक सहकारी समिति के अध्यक्ष की 60 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति को कुर्क किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 9 June 2023, 4:27 PM IST
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नयी दिल्ली: निवेशकों की करीब 200 करोड़ रुपये की राशि में कथित हेराफेरी और ठगी से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत महाराष्ट्र की एक सहकारी समिति के अध्यक्ष की 60 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति को कुर्क किया है। ईडी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि गिलबर्ट बैपटिस्ट से संबंधित दुकानों, कई फ्लैट और भूमि जैसी अचल संपत्तियों को कुर्क करने का अंतरिम आदेश धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी किया गया है।

बयान के मुताबिक इन संपत्तियों का कुल मुल्य 60.44 करोड़ रुपये है और इनका संबंध बैपटिस्ट के अलावा उसके परिवार के सदस्यों, सहयोगियों और उसकी स्वामित्व वाली कंपनियों से है।

बैपटिस्ट को इस मामले में ईडी ने इसके पहले गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। बैपटिस्ट ने ‘मलाइका मल्टी-स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी’ (एमएमसीसीएस) की स्थापना वर्ष 2010 में मार्कलाइन बैपटिस्ट के साथ की थी।

महाराष्ट्र पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किये थे जिसके आधार पर ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया था।

ईडी का आरोप है कि गिलबर्ट बैपटिस्ट ने सहकारी समिति में कई ‘डमी’ (कठपुतली) निदेशक नियुक्त किये। निवेशकों को बड़ा लाभांश देने का वादा करके उन्हें सुनियोजित तरीके से विभिन्न योजनाओं में निवेश करने के लिए आकर्षित किया गया।

ईडी का आरोप है कि गिलबर्ट बैपटिस्ट ने सीधेसादे निवेशकों की जमा राशि को सुरक्षित कारोबार में निवेश करने के बजाय हेराफेरी करके ज्यादातर राशि को अपने खुद के कारोबारी उपक्रमों में ‘डायवर्ट’ कर दिया।

एजेंसी ने कहा कि उसने मलाइका एप्लायंसेज प्राइवेट लिमिटेड (एमएपीएल), यासोमा इंडस्ट्रीज, यासोमा वेडिंग साड़ी और मलाइका स्टारसिटी प्रोजेक्ट आदि के नाम से विभिन्न उद्यम शुरू किये जो एमएमसीसीएस से प्राप्त निवेश से चलाए जा रहे थे।

ईडी ने कहा, ‘‘उसके व्यापारिक उपक्रमों को नुकसान उठाना पड़ा और जल्द ही एमएमसीसीएस के खाते गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) बन गए जिसके परिणामस्वरूप हजारों सीधे-साधे निवेशकों को नुकसान हुआ। अनुमान लगाया जा रहा है कि गिलबर्ट बैपटिस्ट द्वारा किये गये फर्जीवाड़े के कारण 200 करोड़ रुपये से अधिक की जमा राशि का नुकसान हुआ।’’

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