कैबिनेट की कुर्सियों को लेकर सुगबुगाहट तेज, धामी कैबिनेट में जल्द होगा विस्तार

उत्तराखंड में कैबिनेट की कुर्सियों को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 13 April 2025, 4:55 PM IST
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देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार में लंबे समय से खाली पड़ी कैबिनेट की कुर्सियों को लेकर अब सुगबुगाहट तेज हो चली है। हालांकि जहां एक ओर पांच पद रिक्त हैं, वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार सिर्फ तीन चेहरों को ही मंत्रिमंडल में जगह मिल पाएगी। बाकी दो सीटों को फिलहाल खाली ही रखा जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पहले कैबिनेट में चार सीटें खाली थीं, लेकिन हाल ही में प्रेमचंद अग्रवाल के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद यह संख्या पांच हो गई। इससे मंत्रिमंडल विस्तार की मांग और तेज हो गई है। पार्टी और सरकार पर विधायकों का दबाव भी बढ़ता जा रहा है, लेकिन फिलहाल सिर्फ तीन ही विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है।

जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधना बड़ी चुनौती

धामी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की है। पार्टी इस बार हर जिले को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश में है। सूत्रों का कहना है कि नए और पुराने चेहरों के बीच संतुलन बनाने की रणनीति पर काम हो रहा है।

इन चेहरों को मिल सकता है मंत्री पद

सियासी गलियारों में जो नाम चर्चा में हैं, उनमें गढ़वाल क्षेत्र से मुन्ना सिंह चौहान, विनोद चमोली, खजान दास, मदन कौशिक, आशा नौटियाल और बिशन सिंह चुफाल शामिल हैं। इनमें से किसी को भी धामी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। पार्टी नेतृत्व हर वर्ग और क्षेत्र को प्रतिनिधित्व देने की रणनीति पर विचार कर रहा है।

विधायकों की उम्मीदें परवान पर

मंत्रिमंडल में शामिल होने के इच्छुक कई विधायक लगातार दिल्ली और देहरादून के बीच दौड़ लगा रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगी है, लेकिन जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है।

धामी कैबिनेट का यह सीमित विस्तार आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, ताकि संगठनात्मक संतुलन और क्षेत्रीय समीकरण मजबूत हो सके।