राज्यसभा में गलत आरोप लगाने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ से शिकायत की कि विपक्ष के कुछ सदस्य प्रश्नों की आड़ में सरकार पर निराधार आरोप लगाते हैं और मामले को सनसनीखेज बनाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने इस संबंध में आसन से व्यवस्था देने और ऐसे सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 December 2023, 6:27 PM IST
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नयी दिल्ली: राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ से शिकायत की कि विपक्ष के कुछ सदस्य प्रश्नों की आड़ में सरकार पर निराधार आरोप लगाते हैं और मामले को सनसनीखेज बनाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने इस संबंध में आसन से व्यवस्था देने और ऐसे सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया।

प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्यों- तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले और माकपा के जॉन ब्रिटास द्वारा पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गोयल और वैष्णव ने आरोप लगाया कि उन्होंने सरकार पर गलत आरोप लगाए हैं।

गोखले ने सवाल किया था कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत आपूर्ति की जाने वाली दाल और अन्य अनाज को कई राज्यों द्वारा अस्वीकार किया जा रहा है, जिसकी क्या वजहें हैं?

ब्रिटास ने रेल मंत्री से वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट और प्रीमियम तत्काल योजना को लेकर टिप्पणी की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि स्लीपर और जनरल डिब्बों को एसी डिब्बों से बदल दिया गया है।

इसके जवाब में वैष्णव ने कहा कि ब्रिटास ने कोई सवाल नहीं पूछा बल्कि कुछ टिप्पणियां की हैं, जो बहुत भ्रामक हैं और वह उनके द्वारा उठाए गए बिंदुओं का खंडन करते हैं।

इसके बाद गोयल ने कहा, 'एक दिन में यह दूसरी घटना है कि विपक्ष के सदस्य ने गलत आरोप लगाए। पहले दाल का मामला था और अब यह है... मैं इस पर व्यवस्था चाहता हूं कि जो सदस्य झूठे आरोप लगाते हैं या किसी ऐसी बात पर ध्यान आकर्षित करने के लिए किसी मुद्दे को सनसनीखेज बनाते हैं जो तथ्यात्मक नहीं है..। यदि ऐसा पाया जाता है तो ऐसे सदस्य के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?'

वैष्णव ने कहा, 'यह काफी महत्वपूर्ण मामला है। यदि कोई माननीय सदस्य प्रश्न पूछने की आड़ में ऐसे आरोप लगा रहे हैं जो निराधार हैं, बिल्कुल गलत हैं तो क्या व्यवहार किया जाना चाहिए, ऐसे माननीय सदस्य को क्या सज़ा मिलनी चाहिए?’’

इस पर सभापति धनखड़ ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले पर गौर करेंगे।

इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवाल पूछते हुए गोखले ने कहा कि कई राज्यों ने, खासकर कोविड​​-19 के दौरान और उसके बाद भी, पीएमजीकेएवाई के तहत आपूर्ति की गई दाल और अन्य अनाजों को अस्वीकार कर दिया है।

गोखले ने सवाल किया कि इस योजना के तहत आने वाले खाद्यान्न को राज्यों द्वारा अस्वीकार किए जाने के क्या कारण थे और यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं कि इस योजना के तहत विभिन्न राज्यों को उच्च गुणवत्ता वाले खाद्यान्न की आपूर्ति हो।

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री गोयल ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि दाल को अस्वीकार करने की कोई घटना हुई क्योंकि हम पीएमजीकेएवाई के तहत दाल की आपूर्ति नहीं करते हैं। ऐसी किसी घटना की सूचना हमें नहीं मिली है।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा, 'राज्यों ने खाद्यान्न को अस्वीकार कर दिया है। वास्तव में ज्यादातर राज्य, स्वयं खाद्यान्न खरीद रहे हैं और इसे अपने राज्यों में वितरित कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि यदि उचित मूल्य की दुकान के स्तर पर कोई कदाचार हुआ हो तो निश्चित रूप से राज्य सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए।

गोयल ने एक अन्य पूरक सवाल के जवाब में कहा कि भारत सरकार पहले ही वैश्विक भूख सूचकांक की रिपोर्ट को खारिज कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए जिन मानकों पर गौर किया जाता है, वे भले ही पश्चिमी देशों के अनुरूप हों, लेकिन वे भारत के अनुरूप नहीं हैं।