Data Protection Bill: डेटा संरक्षण विधेयक का मकसद ‘स्थायी आपातकाल’, जानिये किसने कही ये बात
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने पिछले दिनों संसद द्वारा पारित ‘डिजिटल वैयक्तिक डेटा संरक्षण विधेयक, 2023’ को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह कानून प्रतिगामी है तथा यह स्थायी रूप से आपातकाल लगाने’ की नीयत से लाया गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने पिछले दिनों संसद द्वारा पारित ‘डिजिटल वैयक्तिक डेटा संरक्षण विधेयक, 2023’ को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह कानून 'प्रतिगामी' है तथा यह स्थायी रूप से आपातकाल लगाने’ की नीयत से लाया गया है।
डेटा सुरक्षा की जवाबदेही निर्धारित करने के प्रावधान वाले ‘डिजिटल वैयक्तिक डेटा संरक्षण विधेयक, 2023’ को गत बुधवार को संसद ने मंजूरी दे दी।
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इस विधेयक में डिजिटल व्यक्तिगत डाटा के संरक्षण तथा व्यक्तिगत डाटा का संवर्द्धन करने वाले निकायों पर साधारण और कुछ मामलों में विशेष बाध्यता लागू करने का उपबंध किया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पूर्व कानून मंत्री मोइली ने एक बयान में कहा, ‘‘यह विडंबना है कि सरकार चाहती है कि इस देश के नागरिक और उनका डेटा पूरी तरह से पारदर्शी हों, जबकि सरकार खुद को इस आवश्यकता से पूरी तरह मुक्त रखना चाहती है।’’
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उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह विधेयक सरकार को कम पारदर्शी और जवाबदेह बनाता है। यह अपने वर्तमान स्वरूप में प्रतिगामी है। विधेयक लोगों की स्वतंत्रता छीनने वाला है और इसका उद्देश्य स्थायी रूप से आपातकाल लागू करना है।’’