अर्जुन पासी हत्याकांड: रायबरेली में दलित समाज ने लगाये राहुल गांधी मुर्दाबाद के नारे

डीएन संवाददाता

अर्जुन पासी हत्याकांड मामले में आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय के समक्ष पासी बिरादरी के लोग एकत्रित हुए। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी व भीम युवा संगठन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।



रायबरेली: जिले का पुलिस मुख्यालय आज राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा। यह नारेबाजी उस दलित समाज द्वारा ही की गई जिनके लिये राहुल गांधी रायबरेली आकर न्याय दिलाने की बात कहकर गए थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने बताया कि अर्जुन पासी हत्याकांड (Arjun Pasi Murder Case) के मामले में लगातार प्रदर्शन कर रही भीम आर्मी की भीम युवा संगठन इकाई के खिलाफ भी पासी समाज के लोगों ने नारेबाजी की। एसपी ऑफिस में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नाम ज्ञापन भी सौंपा भी गया। अर्जुन पासी हत्याकांड में जेल भेजे गए फूलचंद पासी पुत्र धनराज निवासी थाना नसीराबाद को रिहा करने की मांग भी की गई। समाज द्वारा पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।

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प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे रामेश्वर पासी निवासी ग्राम खुर्द बछवल पोस्ट परसदेपुर थाना डीह ने बताया कि नसीराबाद के पिछवारिया में हुए अर्जुन पासी हत्याकांड के मामले में फूलचंद पासी निवासी नसीराबाद को गलत तरीके से फंसाया गया है। इस मामले में सांसद राहुल गांधी आए थे और कहा था कि वह दलितों को न्याय दिलाने के लिए आए हैं। इस मामले में जेल भेजे गए फूलचंद पासी भी तो दलित समाज से है। उसे क्यों नहीं न्याय दिलाया जा रहा है। 302 का मुल्जिम बनाकर उसका भविष्य खराब किया जा रहा है। उसका परिवार गांव छोड़कर जा चुका है।

यहां तक की भीम युवा संगठन के लोगों द्वारा भी उसके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है। भीम युवा संगठन ने निजी दुश्मनी निकालने के लिए फूलचंद पासी को गलत तरीके से इस मामले में घसीटा और जेल भिजवा दिया।

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निर्दोष युवकों को फंसाने का काम
चन्द्रभूषण पासी निवासी पारा, थाना डीह (Deeh) ने बताया कि इस मामले में राहुल गांधी पिछवारिया गांव आए और मुंह बजा कर चले गए, जबकि पीड़ित परिवार को 10 हजार रुपये की भी आर्थिक सहायता नहीं दी। वह केवल यहां राजनीति करने आए थे। इस मामले में विशाल सिंह को मुख्य षड्यंत्रकारी कहा जा रहा है। जबकि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। राहुल गांधी ने जातिगत राजनीति की है। जबकि इस मामले में पासी, यादव, मुस्लिम जाति के लोग बेवजह फँसाये गए हैं। उन्होंने कहा कि भीम आर्मी ने इस मामले में पासी समाज के साथ अन्य समाज के चार निर्दोष युवकों को फंसाने का काम किया है।

 










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