

भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ ने देश को राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय और पुरालेख के रूप में एक अनोखा तोहफा दिया है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये इस अद्भित संग्राहलय की कुछ खास बातें
नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India Dr DY Chandrachud) ने देश को एक अनूठा तोहफा दिया है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ ने देश के पहले और अद्भुत न्यायिक इतिहास को प्रदर्शित करने वाले अनूठे राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय और अभिलेखागार केंद्र (National Judicial Museum and Archive) देश को समर्पित किया।
सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों और वकीलों की मौजूदगी में सीजेआई डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने फीता काटकर इस अद्भुत संग्रहालय का उद्घाटन किया। यह देश का ऐसा पहला संग्रहालय है, जहां दर्शक प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक देश की न्यायपालिका की गौरवशाली यात्रा को देख और समझ सकते हैं।
ब्रिटिश काल से वर्तमान न्यायिक यात्रा
ब्रिटिश काल से लेकर वर्तमान तक की न्यायिक यात्रा को समेटे इस संग्रहालय को सुप्रीम कोर्ट परिसर में स्थापित किया गया है। दर्शक इस तीन मंजिला संग्रहालय में भारतीय संविधान को डिजिटल प्रारूप में देख सकते हैं। राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय में सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत इतिहास, प्राचीन न्याय प्रणाली और ऐतिहासिक घटनाक्रम के साथ-साथ आधुनिक तकनीक से इंटरैक्टिव एआई वकील भी मौजूद है।
सीजेआई बोले- न्यायिक संस्थानों के महत्व का केंद्र
संग्रहालय के उद्घाटन के अवसर पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय हमें न्याय प्रदान करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने में न्यायिक संस्थानों के महत्व का जीवंत दर्शन कराता है।
योजना और डिजाइन में लगे डेढ़ साल
डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा, "इसकी योजना और डिजाइन में लगभग डेढ़ साल का समय लगा है। हमने सोचा कि हमारे पास सिर्फ़ कलाकृतियों का संग्रहालय नहीं होना चाहिए, बल्कि हमारे नागरिकों को न्याय प्रदान करने और मौलिक अधिकारों की रक्षा करने में सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के महत्व को दर्शाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ संग्रहालय होना चाहिए।"
देश की वैभवशाली न्यायिक यात्रा
देश के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मुझे अपने सभी सहयोगियों की ओर से इस संग्रहालय को राष्ट्र को समर्पित करते हुए खुशी हो रही है। यह संग्रहालय युवा पीढ़ी के लिए हमारी प्राचीन और आधुनिक न्यायिक व्यवस्था के लिये संवाद का केंद्र बन सकेगा, जहां उनको एक छत के नीचे देश की वैभवशाली न्यायिक यात्रा की पूरी जानकारी मिल सकेगी।
न्यायाधीशों की कुर्सियों की डिज़ाइन और संरचना
इस संग्रहालय की सबसे खास बात यह है कि कोई भी आम नागरिक यहां आकर इसे देख सकता है। यहां आने वाले दर्शक यह भी देख सकते हैं कि समय के साथ न्यायाधीशों की कुर्सियों की डिज़ाइन और संरचना कैसे विकसित और परिवर्तित हुईं है। पहले के जजों के फ़ैसले टाइप करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पुराने टाइपराइटर भी संग्रहालय में रखे गये हैं।
प्राचीन भारत की न्यायिक प्रणाली
इसके अलावा यहां प्राचीन भारत में न्यायिक प्रणाली पर एक अलग सेक्शन भी बनाया गया है। यहाँ आने वाले किसी भी व्यक्ति को भारत की न्यायिक प्रणाली की रोमांचक यात्रा को देखने और समझने का अवसर मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट में स्थापित होगा सेवा केंद्र
आम नागरिक भी इस संग्रहालय का दौरा कर सकें, इसके लिए आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट में एक सेवा केंद्र स्थापित किया जाएगा, जहां लोग एंट्री पास के जरिए प्रवेश पा सकेंगे। स्कूली बच्चों का समूह भी ऑनलाइन पंजीकरण और ईमेल के जरिए आवेदन करके यहां आ सकते हैं।
न्यायपालिका का समृद्ध इतिहास और विरासत
इस संग्रहालय को लेकर युवाओं में काफी उत्साह और उमंग है। डाइनामाइट न्यूज की टीम ने पहले दिन यहां पहुंचे कुछ युवा दर्शकों से उनके अनुभव जानने के लिए बात भी की। इन युवाओं ने कहा कि सीजेआई चंद्रचूड़ की पहल न केवल देश की न्यायपालिका के समृद्ध इतिहास और विरासत को संरक्षित करती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को हमारी न्याय व्यवस्था के विकास को समझने का अद्भुत मंच भी प्रदान करती है।
संग्रहालय में देश भर के विभिन्न उच्च न्यायालयों के डिजाइन भी प्रदर्शित किए गए हैं। यहां एक थियेटर भी है, जिसमें देश की न्यायिक यात्रा से जुड़ी ढ़ाई घंटे की फिल्म को देखा जा सकता है।
देश की 14 से 16 भाषाओं में भी होगा लॉंच
फिलहाल यहां सारी जानकारी अंग्रेजी में उपलब्ध है, लेकिन जल्द ही इसे देश की 14 से 16 भाषाओं में भी लॉन्च किया जाएगा। संग्रहालय में न्यायपालिका में महिलाओं की सशक्त भूमिका को दर्शाने के लिये एक अलग सेक्शन भी बनाया गया है।
इस संग्रहालय को दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में प्रधानमंत्री संग्रहालय का डिजाइन करने वाले योजनाकारों और डिजाइनरों ने तैयार किया है।