महराजगंजः लोक सभा चुनाव से पहले एक बार फिर सोहगीबरवा चर्चा में, जानिए इस बार किस मांग को लेकर डीएम से मिले लोग

डीएन संवाददाता

नारायणी नदी भैंसहा घाट पर अभी भी लोग पीपा पुल के सहारे आवागमन कर रहे हैं। पक्की सडक के खोखले वायदे को लेकर आज नारायणी संघर्ष समिति ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। पढें डाइनामाइट की पूरी रिपोर्ट

डीएम को ज्ञापन देकर बाहर निकलते नारायणी संघर्ष समिति के कार्यकर्ता।
डीएम को ज्ञापन देकर बाहर निकलते नारायणी संघर्ष समिति के कार्यकर्ता।


महराजगंज: लोक सभा चुनाव से पहले सोहगीबरवा एक बार चर्चाओ में आ गया है। आज अपनी मांगो को लेकर वहां के लोगो ने जिलाधिकारी अनुनय झा से मिले है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नारायणी नदी भैंसहा घाट पर बने पीपा पुल पर करीब पचास हजार की आबादी का आवागमन होता है।

मार्च 2021 में क्षेत्रीय विधायक द्वारा निर्मित इस पीपा पुल का उदघाटन तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केश्व प्रसाद मौर्य द्वारा किए जाने के दौरान यहां पर पक्का पुल और पक्की सडक का वायदा किया गया था।

लेकिन आज तक न तो पक्का पुल ही बन पाया और न ही जनता को पक्की सडक ही नसीब हुई। इसको लेकर नारायणी संघर्ष समिति ने सोमवार को डीएम को संबोधित एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा है।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

संरक्षक नारायणी संघर्ष समिति परशुराम यादव, अध्यक्ष रामसहाय दूबे, निजामुददीन एवं दुर्गभान गुप्ता उपाध्यक्ष ने प्रार्थना पत्र के माध्यम से कहा कि मार्च 2023 में खडडा विधानसभा में तहसील उदघाटन कार्यक्रम पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नारायणी नदी पर भैंसहा घाट के सामने पीपा पुल की जगह पक्का पुल एवं सडक के लिए बजट का प्रस्ताव भी मांगा था। लेकिन आज तक प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया।

मात्र 3 माह चलता है पुल

पीपा पुल मात्र तीन माह चलता है। नदी में बाढ आने पर पीपा पुल हटा दिया जाता है। जिससे बाढ के पानी से चारों तरफ से ग्रामीण घिर जाते हैं और आवागमन ठप हो जाता है।

चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

नारायणी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि रोड नहीं तो वोट नहीं। कार्यकर्ताओं ने कहा कि समिति के बैनर तले आगामी लोकसभा  चुनाव 2024 में मतदान का बहिष्कार किया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।










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