छत्तीसगढ़: कड़ी सुरक्षा के बीच हसदेव में पेड़ों की कटाई शुरू, सामाजिक कार्यकर्ताओं का हिरासत में लेने का आरोप

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित जैव विविधता संपन्न हसदेव अरण्य क्षेत्र में वन विभाग ने बृहस्पतिवार को परसा पूर्व कांते बासन (पीईकेबी) कोयला खदान परियोजना के दूसरे चरण के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच पेड़ों की कटाई शुरू की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 December 2023, 11:24 AM IST
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अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित जैव विविधता संपन्न हसदेव अरण्य क्षेत्र में वन विभाग ने बृहस्पतिवार को परसा पूर्व कांते बासन (पीईकेबी) कोयला खदान परियोजना के दूसरे चरण के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच पेड़ों की कटाई शुरू की।

सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि हसदेव क्षेत्र में कोयला खनन का विरोध कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

विपक्षी कांग्रेस ने भी राज्य विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार पर अडाणी का पक्ष लेने का आरोप लगाया।

स्थानीय प्रशासन ने दावा किया है कि उसके पास पेड़ काटने के लिए सभी आवश्यक अनुमति थी। वहीं पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने कुछ स्थानीय लोगों के घरों का दौरा किया और उन्हें कानून-व्यवस्था के लिए किसी प्रकार की समस्या पैदा न करने की सलाह दी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें लोगों द्वारा (वनों की कटाई के खिलाफ) विरोध के बारे में जानकारी मिली है लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

वन विभाग ने बृहस्पतिवार सुबह सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड में पीईकेबी चरण दो के लिए पेड़ों की कटाई शुरू की। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए वहां पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।

राज्य में कांग्रेस की सरकार ने पिछले साल राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) को आवंटित पीईकेकेबी चरण- दो खदान (सरगुजा) के लिए 1,136.328 हेक्टेयर वन भूमि के गैर-वानिकी उपयोग की अनुमति दी थी।