CBI मामले पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश- दो हफ्ते में जांच पूरी करे CVC
छुट्टी पर भेजे गये सीबाआई के निदेशक आलोक वर्मा के केस पर सुप्रीम कोर्ट मेंं महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। डाइनामाइट न्यूज़ की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें, क्या आदेश दिया देश शीर्ष अदालत में..
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में मचे घमासान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर रही है। तीन जजों की बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई भी शामिल है। शीर्ष अदालत में इस मामले में सीवीसी को दो हफ्तों में जांच पूरी करने के आदेश दिये हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतरिम निदेशक नागेशव्र राव कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते हैं। सीबीआई मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि वह खुद इस मामले को देखेंगे। उन्होंने सीवीसी से अपनी जांच अगले 2 हफ्ते में पूरी करने को कहा है, सारी जांच सुप्रीम कोर्ट के जज एके पटनायक की निगरानी में होगी।
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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस स्थिति में बस इस मामले पर सुनवाई होगी कि ये प्रथम दृष्टया केस बनता है या नहीं। सरकार द्वारा अंतरिम डायरेक्टर नियुक्ति पर चीफ जस्टिस ने कहा है कि नागेश्वर राय कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकते हैं। वह सिर्फ रूटीन कामकाज ही देखेंगे। उनके कामकाज की जानकारी भी शीर्ष अदालत को देनी होगी।
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छुट्टी पर भेजे गये सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के केस पर सुप्रीम कोर्ट में अब अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा की तरफ से एफएस नरीमन ने जिरह की। उन्होंने अपनी जिरह में वर्मा के दो साल के कार्यकाल के प्रावधान का भी जिक्र किया। आलोक वर्मा की तरफ से नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले में दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेबलिशमेंट एक्ट लागू होना चाहिए।