Budget 2024: बजट में विनिर्माण, शोध को प्रोत्साहन देने की जरूरत

निर्यातकों समेत भारतीय उद्योग ने बृहस्पतिवार को निर्यात एवं विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बजट में अनुसंधान के लिए कर प्रोत्साहन और विपणन गतिविधियों के लिए अधिक धनराशि आवंटित किए जाने की मांग की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 25 January 2024, 6:02 PM IST
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नयी दिल्ली: निर्यातकों समेत भारतीय उद्योग ने बृहस्पतिवार को निर्यात एवं विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बजट में अनुसंधान के लिए कर प्रोत्साहन और विपणन गतिविधियों के लिए अधिक धनराशि आवंटित किए जाने की मांग की।

इसके साथ ही उद्योग जगत ने सरकार से निजी क्षेत्र के साथ मिलकर एक वैश्विक शिपिंग लाइन विकसित करने पर विचार करने का भी आग्रह किया। बढ़ते निर्यात के साथ परिवहन सेवाओं पर भारत से धनप्रेषण बढ़ रहा है।

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भारतीय निर्यातक संघों के महासंघ (फियो) ने बयान में कहा, ‘‘हमने वर्ष 2021 में परिवहन सेवा शुल्क के रूप में 80 अरब डॉलर से अधिक का भुगतान किया था। जैसे-जैसे देश एक लाख करोड़ डॉलर के निर्यात लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, यह भुगतान वर्ष 2030 तक 200 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।’’

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसारनिर्यातक संगठन ने कहा कि इस खर्च में बचत के लिए शिपिंग लाइन का विकास निजी क्षेत्र को शामिल कर किया जा सकता है। इससे विदेशी शिपिंग लाइन के लिए भारतीय उद्योग खासकर एमएसएमई पर अनुचित दबाव डालना भी कम हो जाएगा।

फियो के कार्यवाहक अध्यक्ष इसरार अहमद ने कहा कि देश में शोध एवं विकास (आरएंडडी) गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारित कर कटौती को 200 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।

अहमद ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, आरएंडडी पर भारत का खर्च (जीडीपी के एक प्रतिशत से भी कम) चीन (जीडीपी का 2.43 प्रतिशत), अमेरिका (3.46 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (4.93 प्रतिशत) और इजराइल (5.56 प्रतिशत) जैसे देशों से काफी कम है।“

उन्होंने कहा कि वैश्विक ग्राहकों के सामने भारतीय उत्पादों एवं सेवाओं के प्रदर्शन के लिए आक्रामक निर्यात विपणन की जरूरत है और इसके लिए ‘बाजार पहुंच पहल’ (एमएआई) योजना के तहत अधिक धन की जरूरत है। अहमद ने कहा, ‘‘आक्रामक विपणन के लिए इस योजना के लिए एक कोष बनाने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार 5,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ 50 जिलों में पायलट आधार पर एक योजना की घोषणा करने पर विचार कर सकती है।

इसके अलावा स्टार्टअप फर्म ‘वर्ल्ड ऑफ सर्कुलर इकनॉमी’ (WOCE) ने कहा कि स्थिरता और जलवायु समाधान उद्योग सरकार से महत्वपूर्ण समर्थन का आग्रह कर रहा है। उद्योग के लिए कोष और प्रोत्साहन की जरूरत है।

डब्ल्यूओसीई के संस्थापक एवं निदेशक अनूप गर्ग ने कहा, ‘‘टिकाऊ क्षेत्र की कंपनियों, खासकर एसएमई को तत्काल वित्तीय बोझ और संसाधनों को सुरक्षित करने सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की जरूरत है।’’

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