मणिपुर हिंसा के बीच बम डिफ्यूज करते समय हुआ ब्लास्ट, असम राइफल्स का जवान हुआ घायल, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के सैतान गांव में शुक्रवार सुबह असम राइफल्स का एक जवान एक देसी बम को निष्क्रिय करते समय घायल हो गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

मणिपुर हिंसा के बीच बम डिफ्यूज करते समय हुआ ब्लास्ट
मणिपुर हिंसा के बीच बम डिफ्यूज करते समय हुआ ब्लास्ट


इंफाल: मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के सैतान गांव में शुक्रवार सुबह असम राइफल्स का एक जवान एक देसी बम को निष्क्रिय करते समय घायल हो गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार  रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि यह देशी बम था और जो सैनिक इसे निष्क्रिय करने की कोशिश कर रहा था, उसे कोई बड़ी चोट नहीं आई।

एक दिन पहले, बिष्णुपुर जिले में तेरा खोंगफंगबी के पास संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे।

अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद पुलिस और सेना के जवानों ने क्षेत्र से उग्रवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया है।

उल्लेखनीय है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में भड़की हिंसा रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी।

मणिपुर में हुई हिंसा के दौरान कम से कम 60 लोग मारे गए, जबकि 23,000 से अधिक लोगों को हिंसाग्रस्त इलाकों से सुरक्षित निकाला कर उन्हें सैन्य छावनियों और राहत शिविरों में शरण दी गई ।

इससे पूर्व, आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर उत्पन्न तनाव के चलते झड़पें हुईं, जिसके कारण कुछ जगहों पर प्रदर्शन हुए थे।

मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है तथा वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

सुरक्षा के लिए राज्य के प्रभावित इलाकों में भारतीय सेना तथा असम रायफल्स के करीब दस हजार जवानों को तैनात किया गया है।










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