हिमाचल प्रदेश सरकार पर भाजपा का हमला, HPSSC को भंग करने को लेकर कही ये बड़ी बात

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रश्न पत्र लीक होने के मामलों के चलते हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (एचपीएसएससी) भंग करने के लिए बुधवार को कांग्रेस सरकार की आलोचना की। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


शिमला: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रश्न पत्र लीक होने के मामलों के चलते हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (एचपीएसएससी) भंग करने के लिए बुधवार को कांग्रेस सरकार की आलोचना की और कहा कि इस फैसले से भर्ती परीक्षा के परिणामों में और देरी होगी और एचपीएसएससी कर्मचारियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा, “सरकार को आयोग के कामकाज में सुधार करना चाहिए था, लेकिन उसने इसे खत्म करने का विकल्प चुना।”

उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में हुई भर्ती परीक्षाओं में हजारों युवा शामिल हुए हैं और उन्हें अभी परिणाम के लिए और इंतजार करना होगा।

यह भी पढ़ें | Himachal Politics: हिमाचल में कांग्रेस को बड़ा झटका, 6 बागी और तीन निर्दलीय विधायक बीजेपी में शामिल

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के शासनकाल में हमीरपुर स्थित एचपीएसएससी बनाया गया था। धूमल ने इसे भंग किए जाने को जनविरोधी और विशेष रूप से युवा विरोधी करार दिया।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 1998 में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए चयन प्रक्रिया को विकेंद्रीकृत और तेज बनाने के लिए आयोग का गठन किया था।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल 23 दिसंबर को प्रश्न पत्र लीक होने का खुलासा होने के बाद 25 दिसंबर को होने वाली कनिष्ठ कार्यालय सहायकों (आईटी) की परीक्षा रद्द कर दी गई थी, जब सतर्कता ब्यूरो ने एचपीएसएससी की एक वरिष्ठ सहायक उमा आजाद को गिरफ्तार किया था। आजाद के पास से हल किए गए प्रश्नपत्र और 2.5 लाख रुपये नकदी भी बरामद की गई थी।

यह भी पढ़ें | वेणुगोपाल का दावा: जल्द ही गिर जाएगी भाजपा की ‘अवैध’ सरकार

इस मामले में अब तक आठ लोगों- उमा आजाद, उनके बेटों निखिल आजाद और नितिन आजाद, बिचौलिए संजीव और उसके भाई शशि पाल, नीरज, अजय शर्मा और तनु शर्मा को गिरफ्तार किया जा चुका है।










संबंधित समाचार