बिहार सरकार आम के फसलों को बढ़ावा देने के लिए अध्ययन, संरक्षण योजना तैयार करेगी

डीएन ब्यूरो

बिहार सरकार ने आम की फसल में भारी गिरावट को देखते हुए इसकी विभिन्न किस्मों जैसे कि दीघा मालदह, जर्दालू, गुलाब खास, आम्रपाली, किशन भोग और चौसा की फसलों को बढ़ाने के लिए अध्ययन करने और संरक्षण योजना तैयार करने का फैसला किया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


पटना: बिहार सरकार ने आम की फसल में भारी गिरावट को देखते हुए इसकी विभिन्न किस्मों जैसे कि दीघा मालदह, जर्दालू, गुलाब खास, आम्रपाली, किशन भोग और चौसा की फसलों को बढ़ाने के लिए अध्ययन करने और संरक्षण योजना तैयार करने का फैसला किया है।

बिहार राज्य जैव विविधता बोर्ड (बीएसबीबी) ने लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर (सीआईएसएच) के साथ ‘विविधता के मूल्यांकन एवं बिहार के स्वदेशी बीजू आम की गिरावट’ के मद्देनजर और इसकी संरक्षण रणनीति को लेकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

बीएसबीबी के सचिव के. गणेश कुमार ने रविवार को डाइनामाइट न्यूज़ को बताया, ‘‘बिहार के स्वदेशी बीजू आम की गिरावट के कारणों का पता लगाने और एक संरक्षण योजना तैयार करने के लिए अगले महीने से एक अध्ययन शुरू जाएगा। अध्ययन एक साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है और उसके बाद संबंधित अधिकारी एक संरक्षण योजना तैयार करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि बिहार आमों की व्यापक किस्मों के लिए जाना जाता है जिसमें दीघा मालदह, जर्दालु, गुलाब खास, आम्रपाली, किशन भोग और चौसा शामिल हैं और इनमें से जर्दालु को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग दिया गया है।

बिहार आम उत्पादक राज्यों की सूची में चौथे स्थान पर है, जो देश के कुल आम उत्पादन का आठ प्रतिशत से अधिक साझा करता है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), भारत सरकार के अनुसार सूची में शीर्ष राज्य उत्तर प्रदेश है, इसके बाद आंध्र प्रदेश और कर्नाटक हैं।

बीएसबीबी के सचिव ने आगे कहा, ‘‘जिन जिलों में अध्ययन किया जाएगा उनमें सारण, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, भागलपुर, बांका, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, किशनगंज, पूर्णिया, पटना, बक्सर, आरा, मुंगेर, जमुई और शेखपुरा शामिल हैं।’’

गणेश ने कहा कि अध्ययन फसल सुधार और कटाई के बाद के प्रसंस्करण पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा कि इससे हमें बीजू आम की फसल में गिरावट का सटीक डाटा भी मिलेगा।

मई, 2012 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू किए गए ‘बागीचा बचाओ अभियान’ के तहत आम की खेती के लिए कुल लक्षित क्षेत्र 38,015 एकड़ है।

बीएसबीबी के सचिव ने कहा, ‘‘बागवानी गतिविधियों और फल देने वाले पेड़ों के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाता है। उनकी क्षेत्र-विशिष्ट गुणवत्ता और मूल्य के अनुसार खेती की जाती है।’’

राज्य सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार किसानों को बागों की जुताई के लिए अनुदान भी देती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य रूप से भागलपुर जिले में उगाई जाने वाली आम की जर्दालु किस्म और पटना में दीघा के ‘मालदा’ आम की ‘दुधिया’ किस्म, न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों में बेची जाती है, बल्कि अन्य देशों में भी निर्यात की जाती है।’’










संबंधित समाचार