Bhai Dooj: जानिए भाई दूज का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

भाई दूज को भाई-बहन के स्नेह और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 November 2024, 8:15 AM IST
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नई दिल्ली: आज यानी  3 नवंबर को भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार (Festival) है। हिंदू धर्म का पवित्र त्योहार भाई दूज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया (Celebrated) जाता है। भाई दूज गोवर्धन पूजा के अगले दिन मनाया जाता है।

ये त्योहार भाई -बहन का त्योहार है। इसमें बहन अपने भाई को तिलक लगाती है, उसकी आरती उतारती है और मुंह मीठा कराती है और उसकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार हिंदू धर्म में इस पर्व को मनाने की प्रथा सदियों पुरानी है। मान्यता है कि इस दिन यमुना ने भाई यम को घर पर आमंत्रित किया था और स्वागत सत्कार के साथ टीका लगाया था। तभी से इस पर्व को मनाया जाता है। भारत में इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन यमराज को प्रसन्न करने के लिए बहनें व्रत भी रखती हैं।

पंचांग के अनुसार इस साल भाई दूज पर अनुराधा नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। इस योग में तिलक करने से भाई बहन के रिश्ते में मजबूती आती है। ऐसे में आइए इस दिन के शुभ मुहूर्त के बारे में भी जान लेते हैं।

कुछ स्थानों पर ये भी मान्यता है कि इस दिन जो भाई अपनी बहन के घर पर भोजन करते हैं, उनकी उम्र लंबी होती है। भाई दूज का त्योहार लगभग पूरे देश में मनाया जाता है। इसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है। 

भाई दूज 2024 तिथि 
कार्तिक मास द्वितीया तिथि का आरंभ 2 नवंबर 2024 को रात 8 बजकर 22 मिनट से होगा। इस तिथि का समापन 3 नवंबर को रात में 10 बजकर 6 मिनट पर है।

भाई दूज तिलक मुहूर्त
इस साल भाई दूज पर तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त 3 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 12 मिनट की है।

थाली में जरूर रखें ये चीजें
भाई दूज के लिए थाली तैयार करते समय सबसे पहले उसमें तिलक करने के लिए रोली ,चंदन,अक्षत यानी चावल भी थाली में जरूर रखें। लाल कलावा, सुपारी, भगवान गणेश का प्रतीक है, एक चांदी का सिक्का रखें। तिलक की थाली में आप भाई को तिलक के बाद पहनाने वाली फूल माला भी जरूर रखें। साथ ही मिठाई भी थाली में रखें। इस थाली में केला जरूर रखें। इसे खिलाने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है।

भाई दूज का महत्व 

भाई दूज के दिन भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाकर और नारियल देकर सभी देवी-देवताओं से भाई की सुख-समृद्धि और दिर्घायु की कामना करती है। उसके बाद भाई अपनी बहन की रक्षा का वादा करते हैं।

भाई दूज पर भाई दूर है तो ऐसे करें पूजा
1.अगर भाई दूज के दिन भाई आपके पास नहीं है, तो आप इस तरह से पूजा कर सकती हैं। इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लें। 
2. इसके बाद मंदिर के सभी समानों को अच्छें से साफ कर लें। आपके जितने भाई हैं उतनी संख्या में गोले लेकर आएं। 
3. एक चौकी पर पीले रंग के वस्त्र को बिछाएं वहां पर उन गोलों को स्थापित करें।
4. अब फूल के ऊपर चावल रखकर इसके ऊपक गोले को रख दें। बाद में इस गोले को गंगाजल से स्नान कराएं और रोली व चावल से तिलक करें। 
5. पूजा के बाद मिठाई का भोग लगाएं और नारियल के गोलों की आरती उतारें।
6. इसके बाद इन्हें पीले रंग के कपड़े से ढक कर शाम तक छोड़ दें। 
7. पूजा के बाद भाई की लंबी आयु और कष्टों से मुक्ति के लिए यमराज से प्रार्थना करें। 
8. अगले दिन नारियल के गोलों को पूजा स्थल से उठा लें और संभव हो तो गोलों को भाई के पास भेज दें। 

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