बाराबंकी: परादी गैंग का भंडाफोड़, 9 तस्कर गिरफ्तार, लाखों की चंदन और स्मैक बरामद, जानिये कुख्यातों का कारनामा

डीएन ब्यूरो

यूपी के बाराबंकी में बुधवार को पुलिस ने परादी गैंग का पर्दाफाश कर लाखों रुपये की तस्करी का माल बरामद किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

परादी गैंग के 9 सदस्य गिरफ्तार
परादी गैंग के 9 सदस्य गिरफ्तार


बाराबंकी: यूपी की बाराबंकी पुलिस ने बुधवार को चंदन और स्मैक तस्करी से जुड़े एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस की संयुक्त टीम ने लूट और चोरी की योजना बना रहे परादी गैंग के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गैंग के सदस्यों से बड़ी मात्रा में चंदन की लकड़ी, अवैध स्मैक, तमंचा, कारतूस आदि बरामद किया है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अरकाश पुत्र अजय कुमार, अजय कुमार पुत्र कोचिस, जलबाज पुत्र अजय कुमार, खेलवर पुत्र जानी, संजू पुत्र मन्टु, एलवर पुत्र अर्जुन, अर्जुन पुत्र कुंजीलाल, जरकास पुत्र दरकास के रुप में की है। 

पुलिस ने पकड़े गए गिरोह के सदस्यों की निशादेही पर ओबरी जंगल से चन्दन की लकड़ी के 05 बोटे , 590 ग्राम अवैध स्मैक, 1 तमंचा .12 बोर व 3 जिन्दा कारतूस, 12 बोर, 3 नाजायज चाकू, 2 लकड़ी काटने की आरी, 8 आला नकब, 3 लकड़ी का डण्डा, 4  गुलेल, 1 सफेद धातु की सिल्ली बरामद किया। 

गैंग के बारे में जानकारी देते आला अधिकारी

अपर पुलिस अधीक्षक चिरंजीवी नाथ सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए आरोपी परादी गैंग के सदस्य हैं। ये एक जगह नही ठहरते। ये सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं तथा कस्बों, गांव आदि में घूम फिरकर रेकी करते हैं तथा योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम देते हैं।

तस्करों ने कोतवाली नगर क्षेत्र में चन्दन के 3 हरे पेड़ काटे थे जिस सम्बन्ध में थाना कोतवाली नगर पर मुकदमा पंजीकृत है। 

आरोपियों ने फरवरी माह में दक्षिण टोला बंकी, आर्मी क्षेत्र की बाउण्ड्री के पीछे बने मकानों का ताला तोड़कर नकदी व जेवरात व अन्य सामान चोरी कर वारदात को अंजाम दिया था। जिस सम्बन्ध में भी थाना कोतवाली नगर पर मुकदमा पंजीकृत है। 

इन आरोपियों ने चोरी से प्राप्त चांदी के जेवरात की सिल्ली बना ली थी और इसको बेचना चाह रहे थे किन्तु इसे बेच नहीं पाए।

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी चोरी किए रुपए आपस में बांट लेते हैं तथा सामान को चलते फिरते लोगों को सस्ते दामों पर बेच देते हैं। 










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