

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बहराइच ध्वस्तीकरण नोटिस मामले में राज्य सरकार से पूरा ब्योरा मांगा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) ने बहराइच (Bahraich) ध्वस्तीकरण नोटिस (Notice) मामले में राज्य सरकार से पूरा ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने कहा कि उसने साफ जवाब मांगा था कि बहराइच की जिस सड़क के किनारे बसे लोगों को नोटिस दी गई है, उस सड़क की श्रेणी व उस पर लागू होने वाले नियम बताए जाएं किंतु पिछली सुनवाई की तरह इस बार भी केवल याचिका की पोषणीयता पर जवाब दिया जा रहा है।
विस्तृत जवाब पेश करने को कहते हुए कोर्ट ने सुनवाई को चार नवंबर तक टाल दिया है। यह आदेश जस्टिस एआर मसूदी व जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने एसोसिएशन फाफर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की जनहित याचिका पर पारित किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कोर्ट ने कहा कि उसने रविवार को पारित आदेश में स्पष्ट रूप से पूछा था कि जिस सड़क पर कथित अतिक्रमण की बात कही जा रही है, उसकी कैटेगरी क्या है, वहां कितने घर बने हुए हैं? उक्त स्पष्ट आदेश के बावजूद इन बिंदुओं पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ध्वस्तीकरण की नोटिस से प्रभावित लोगों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय देने का आदेश दिया था।
साथ ही मुख्य स्थायी अधिवक्ता से कहा था कि वह सरकार से विस्तृत निर्देश प्राप्त करें कि जिस सड़क पर अतिक्रमण का आरोप है वह मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड है या अन्य किसी प्रकार की सड़क है। यह भी अवगत कराने को कहा था कि कुंडसार-महसी-नानपारा-महाराजगंज रोड के किलोमीटर 38 पर कितने घर बने हैं और उस सड़क के संबंध में कौन से नियम लागू होते हैं?
उपद्रव मामले में 150 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज
महराजगंज में मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान बीते 13 अक्टूबर को युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। फखरपुर इलाके में भी भिलौरा मोड़ घासीपुर के पास माइक से महराजगंज में भड़की हिंसा के बारे में एलान किया गया। इसके बाद भीड़ ने वाहनों में तोड़फोड़ कर हंगामा किया था। मामले में 150 अज्ञात के खिलाफ फखरपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।