Bahraich Violence: बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर रोक

यूपी के बहराइच हिंसा मामले में सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर इलाहबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 21 October 2024, 2:04 PM IST
google-preferred

बहराइच: यूपी के बहराइच हिंसा (Bahraich violence) के आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट  (High Court) से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) पर 15 दिनों के लिए रोक (Stay) लगा दी है। हालांकि कोर्ट ने इस मामले से जुड़े 23 लोगों को नोटिस (Notice) देकर तलब किया है और 15 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए वक्त दिया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार महसी-महाराजगंज में हिंसा और युवक राम गोपाल मिश्रा (Ram Gopal Mishra) की हत्या के बाद आरोपियों पर बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी की गई थी। इसमें 19 अक्टूबर को मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 के मकानों पर नोटिस चस्पा किया गया था। साथ ही तीन दिन में जवाब मांगा गया था।

नोटिस चस्पा करती पीडब्ल्यू डी 

आरोपी पक्ष ने हाईकोर्ट का रूख किया और अर्जी दाखिल कर सरकार पर टारगेट करने का आरोप लगाया। उन्होंने अपनी अर्जी में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नजरअंदाज कर उत्तर प्रदेश सरकार एकतरफा कार्रवाई करने जा रही है। कोर्ट ने आज इस पर सुनवाई करते हुए सभी को जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया है। ऐसे में अब 23 अक्टूबर की सुनवाई के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
बहराइच हिंसा  में ध्वस्तीकरण का मामला देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया है। इसके खिलाफ तीन परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गुहार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिस को रद्द करने और बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है।

इसके साथ ही याचिका में स्थानीय विधायक द्वारा दिए गए बयान का भी हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि बहराइच की घटना के बाद प्रशासन ने मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के अवैध रूप से निर्मित घर पर विध्वंस नोटिस चिपकाया है। अगली कार्रवाई बहुत जल्द होगी।

अगर आप युवा है और नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आप हमारी 'युवा डाइनामाइट' को विजिट कर सकते हैं। 
https://www.yuvadynamite.com/