Assam: देश की पहली महिला महावत, किसान, लोक कलाकार पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित

डीएन ब्यूरो

असम के तीन लोगों को इस वर्ष पद्मश्री पुरस्कारों के लिए नामित किया गया, जिनमें देश की पहली महिला महावत, एक लोक कलाकार और एक किसान शामिल हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

देश की पहली महिला महावत
देश की पहली महिला महावत


गुवाहाटी: असम के तीन लोगों को इस वर्ष पद्मश्री पुरस्कारों के लिए नामित किया गया, जिनमें देश की पहली महिला महावत, एक लोक कलाकार और एक किसान शामिल हैं।

महिला महावत पारबती बरुआ को सामाजिक कार्य श्रेणी में चुना गया जबकि सरबेश्वर बसुमतारी को कृषि में उनके योगदान के लिए नामित किया गया। वहीं लोक कलाकार द्रोण भुइयां को कला श्रेणी में पद्मश्री पुरस्कार के नामित किया गया।

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने 'एक्स' पर कहा, ''एक बेहद अच्छी खबर। श्रीमती पारबती बरुआ, श्री सरबेश्वर बासुमत्रि और श्री द्रोण भुइयां असम की ढृढता और मेहनत को दर्शाया।''

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा कि अलग-अलग पेशा होते हुए भी इन्होंने समुदाय को मजबूत करने के सामान्य लक्ष्य में विशाल योगदान दिया। पुरस्कार विजेताओं के बारे में शर्मा द्वारा साझा की गयी जानकारी के अनुसार, 67 वर्षीय पारबती 'पहली महिला महावत हैं, जिन्होंने पुरानी परंपराओं को तोड़ते हुए सिर्फ 14 साल की उम्र में अपने पिता से यह कौशल सीखकर जंगली हाथियों को प्रशिक्षित करना शुरू किया।

पोस्ट के मुताबिक, वह वैज्ञानिक तौर-तरीकों की मदद से मानव-हाथी संघर्ष को कम करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता के लिए खड़ी हुईं।

बासुमतारी के बारे में जानकारी साझा करते हुए शर्मा ने कहा कि बासुमतारी एक दिहाड़ी मजदूर से किसान बने और बाद में लोगों के लिए एक आदर्श बने।

शर्मा ने कहा कि समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने (बासुमतारी ने) अपने ज्ञान और शिक्षा को अन्य किसानों तक पहुंचाया, जिससे अन्य लोगों की दक्षता तो बढ़ी ही साथ ही उन्हें अपनी आजीविका बढ़ाने में भी मदद मिली।

चिरांग में खेती करने वाले बासुमतारी ने कहा, ''एक किसान के रूप में पहचाने जाने पर मैं बहुत खुश हूं। अगर मैं एक किसान के रूप में पद्म पुरस्कार जीतने में सफल रहा, तो इससे ज्यादा खुशी मुझे किसी और किसी बात की नहीं। ''

पद्मश्री के लिए नामित होने पर खुशी जाहिर करते हुए लोक कलाकार भुइयां ने कहा, ''इस सम्मान ने मेरी जिम्मेदारी कई गुना बढ़ा दी है। मुझे सुनिश्चित करना है कि मैं अपने ज्ञान को नयी पीढ़ियों तक ठीक से पहुंचा सकूं।''

'ढोल' बजाकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए सिपाझार की रहने वाले कलाकार ने कहा कि पुरस्कार के लिए चुने जाने पर वह अधिकारियों के आभारी हैं।

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने गणतंत्र दिवस पर अपने संबोधन के दौरान तीनों विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, ''मुझे खुशी है कि पारबती बरुआ, सरबेश्वर बसुमतारी और द्रोण भुइयां को पद्मश्री के लिए नामित किया गया। मैं उन्हें बधाई देता हूं और केंद्र सरकार को भी धन्यवाद देता हूं।''

पुरस्कारों की घोषणा बृहस्पतिवार को की गई और वर्ष के अंत में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।










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