यूपी पुलिस का एक और कारनामा, कानपुर में चौकी इंचार्ज और तीन दारोगा समेत 8 नपे, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

यूपी के कानपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

घाटमपुर कोतवाली
घाटमपुर कोतवाली


कानपुर: यूपी के कानपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने प्लाट कब्जाने के मामले में एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए बिना साक्ष्य के रंगदारी की धारा लगाकर 8 लोगों को जेल भेज दिया था। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों से 50 हजार रुपये की वसूली की थी। जांच में दोषी पाए गए पतारा चौकी इंजार्च, तीन दारोगा, एक हेड कांस्टेबल, तीन सिपाही समेत आठ पुलिसकर्मी निलंबित कर दिया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के पतारा चौकी क्षेत्र स्थित रायपुर रोड पर एक विवादित जमीन पर 24 जुलाई की रात निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माण कराने वाले पक्ष ने बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा कर रखी थी। सूचना पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गया। पुलिस ने आठ लोगों की गिरफ्तारी कर काम रूकवा दिया। एक पक्ष रामलखन तिवारी की तहरीर पर पुलिस 8 नामजद और 20 से 25 अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज की थी।

रंगदारी की धारा बनी गले की फांस

पुलिस ने सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 191 (2) यानी बिना हथियार के दंगा, 329 (2), 329 (4) यानी घर में घुसना, 352 जानबूझकर अपमान, 115 चोंट पहुंचाना और 308 (5) रंगदारी मांगना जैसी गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसके बाद सभी अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया था। एक पक्षीय कार्रवाई के आरोप पर एडीसीपी साउथ ने मामले की जांच की।

इन पर गिरी गाज

एडीसीपी की जांच में रंगदारी के कोई साक्ष्य नहीं मिले। इसके साथ ही सभी आरोपियों पर रंगदारी की धारा लगाई गई थी। आरोप यह भी है कि पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों से 50 हजार रुपये की रिश्वत ली। जांच में दोषी पाए जाने पर चौकी इंचार्ज जयवीर सिंह, दारोगा संकित तोगड़, आशीष चौधरी, शिवशरण शर्मा, हेड कांस्टेबल प्रथम सिंह, सिपाही जितेंद्र, कुबेर सिंह और पंकज सिंह को संस्पेंड किया गया है।










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