DN Exclusive: बड़ी ख़बर, महराजगंज के पूर्व घोटालेबाज DM अमरनाथ उपाध्याय पर एक बार फिर मुख्यमंत्री ने गिरायी गाज
ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से महराजगंज जनपद मुख्यालय स्थित डाइनामाइट न्यूज़ के ब्यूरो कार्यालय को गिराये जाने के जुर्म में चार साल से लावारिसों की तरह दर-दर भटक रहे प्रमोटेड IAS अमरनाथ उपाध्याय को CM ने एक बार फिर रसातल में भेज दिया है। मुख्यमंत्री के सख़्त तेवरों से अमरनाथ को पिछले चार साल से प्राइम पोस्टिंग दिलाने का दावा करने वालों के मुँह पर एक बार फिर ज़ोरदार तमाचा लगा है। पूरी ख़बर:
लखनऊ/महराजगंज: पिछले चार साल से उत्तर प्रदेश के भ्रष्टाचारी प्रमोटेड आईएएस अमरनाथ उपाध्याय को जिले की प्राइम पोस्टिंग दिलाने का दावा करने वालों के मुँह पर एक बार फिर ज़ोरदार तमाचा लगा है।
असंवैधानिक तरीक़े से महराजगंज जनपद मुख्यालय स्थित डाइनामाइट न्यूज़ के ब्यूरो कार्यालय को गिराये जाने के जुर्म में चार साल से लावारिसों की तरह दर-दर भटक रहे प्रमोटेड IAS अमरनाथ उपाध्याय को शनिवार को एक और तगड़ा झटका लगा है।
यह भी पढ़ें |
UP Politics: ओमप्रकाश राजभर ने सीएम योगी की मुलाकात, जानिये दोनों के बीच क्या हुई बात
यह भी पढें: DN Exclusive: पूर्व डीएम अमरनाथ उपाध्याय को नहीं मिला कोई बचाने वाला
CM योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक बार फिर करारा चाबुक चलाया है। भ्रष्टाचारी अमरनाथ उपाध्याय को मुख्यमंत्री ने सदस्य, राजस्व परिषद की बेहद महत्वहीन पोस्ट से भी इसे हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया है। अमरनाथ को 8 महीने तक मधवलिया गोसदन में भारी भ्रष्टाचार के आरोप जाँच में सिद्द होने के बाद CM ने निलंबित रखा था। इसके बाद वह ढाई साल से राजस्व परिषद में महत्वहीन पोस्टिंग में समय काट रहा था। यहाँ रखकर वह लगातार अपने गुर्गों के माध्यम से किसी जिले का DM बनने का ख़्वाब देख रहा था लेकिन शनिवार का दिन उसके लिए बहुत बुरी ख़बर लेकर आया और इसे प्रतीक्षारत कर दिया गया।
जीवन में महज एक बार जिलाधिकारी की कुर्सी पर बैठे अमरनाथ ने सीएम के प्रिय प्रोजेक्ट मधवलिया गो सदन में जमकर डकैती डाली। गौमाता के लिए आऩे वाले चारा-दाना-पानी के धन को तो अपने पापी पेट की भेट चढ़ाया ही, साथ ही 328 एकड़ जमीन को रिश्वतखोरी कर अपने चहेतों को बांट डाला।
यह भी पढ़ें |
गजब का दुस्साहस: भ्रष्टाचार में निलंबित अफसर बना वादी, लिखाया गायों को ढूंढने का मुकदमा!
अंदर की खबर है कि सदस्य, राजस्व परिषद रहते हुए अमरनाथ उपाध्याय ने अपने भ्रष्टाचार को लगातार जारी रखा और गाजियाबाद जिले की अरबों रुपये की बेशकीमती जमीनों के एक मामले में गैरकानूनी ढ़ंग से सुनवाई करते हुए इसमें सरकार के खिलाफ फैसला दे डाला और इससे भू-माफियाओं को तो जबरदस्त लाभ पहुंचा लेकिन सरकार को राजस्व की भारी क्षति हुई। इसकी जांच सीएम ने करायी, आरोप सच पाये जाने के बाद अमरनाथ उपाध्याय को प्रतीक्षारत कर दिया गया है। इस मामले में गाजियाबाद जिलाधिकारी की तरफ से भी शासन को अमरनाथ की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसमें अमरनाथ दोषी पाये गये।