कोई नाबालिग ‘लिव इन’ संबंध में नहीं रह सकता: उच्च न्यायालय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल में एक निर्णय में कहा है कि 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति ‘लिव इन’ संबंध में नहीं रह सकता और ऐसा करना न केवल अनैतिक होगा, बल्कि अवैध भी होगा।

Updated : 3 August 2023, 9:21 AM IST
google-preferred

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल में एक निर्णय में कहा है कि 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति ‘लिव इन’ संबंध में नहीं रह सकता और ऐसा करना न केवल अनैतिक होगा, बल्कि अवैध भी होगा।

न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की पीठ ने 17 वर्षीय अली अब्बास और उसकी ‘लिव इन’ साथी सलोनी यादव (19 वर्ष) द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी।

पीठ ने कहा, “लिव इन संबंध को विवाह की प्रकृति के संबंध में मानने के लिए कई शर्तें हैं और किसी भी मामले में एक व्यक्ति को वयस्क (18 वर्ष से ऊपर की आयु) होना चाहिए, भले ही पुरुष की विवाह योग्य आयु 21 वर्ष न हो। इसलिए कोई बच्चा ‘लिव इन’ संबंध में नहीं रह सकता और यह कार्य न केवल अनैतिक होगा, बल्कि अवैध भी होगा।”

अदालत ने कहा, “आरोपी जोकि 18 वर्ष से कम आयु का है, इस आधार पर संरक्षण की मांग नहीं कर सकता कि वह एक वयस्क लड़की के साथ ‘लिव इन’ संबंध में रह रहा है। इस प्रकार से वह अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द करने की मांग नहीं कर सकता क्योंकि उसकी गतिविधि कानून के तहत अनुमति योग्य नहीं है और अवैध है।”

इसने आगे कहा, “यदि इसकी अनुमति दी जाती है तो यह हमारे समाज के हित में नहीं होगा और हम ऐसी गतिविधियों पर कानून की मुहर लगाने के इच्छुक नहीं हैं।”

दोनों याचिकाकर्ताओं ने अपनी संयुक्त याचिका में अदालत से लड़के के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था। लड़के के खिलाफ कथित तौर पर लड़की का अपहरण करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। याचिका में लड़के को गिरफ्तार नहीं करने की भी अपील की गई है। यह प्राथमिकी लड़की के परिजनों ने दर्ज कराई थी।

 

Published : 
  • 3 August 2023, 9:21 AM IST

Related News

No related posts found.