

तहव्वुर राणा से पिछले काफी घंटों से पूछताछ की जा रही है। अभी तक की पूछताछ में तहव्वुर राणा जांचकर्त्ता एजेंसियों का सहयोग किया है। डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट में पढ़िए कि कैसे तहव्वुर राणा आतंकवादी बना।
नई दिल्ली: मुंबई में 26/11 को हुए भीषण आतंकी हमले की साजिश में शामिल और अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ शुरू कर दी। पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक राणा को गुरुवार को भारत लाया गया था, जिसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने उसे 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, एनआईए की पूछताछ के पहले दिन राणा ने जांच में सहयोग किया और कई अहम जानकारियां दी। शुरुआती पूछताछ में राणा ने बताया कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचावतनी गांव का मूल निवासी है। उसके पिता एक स्कूल में प्रिंसिपल थे। राणा के दो भाई हैं, जिनमें एक पाकिस्तान की सेना में मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ के तौर पर कार्यरत है और दूसरा पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय है।
राणा ने कहां से पढ़ाई की?
एनआईए को राणा ने यह भी बताया कि उसने पाकिस्तान के एक कैडेट कॉलेज से पढ़ाई की थी, जहां उसकी मुलाकात डेविड हेडली से हुई थी, जो आगे चलकर मुंबई हमले का एक और मुख्य साजिशकर्ता बना। राणा ने बाद में मेडिकल की पढ़ाई पूरी की और पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में सेवाएं दी। वर्ष 1997 में सेना छोड़ने के बाद वह कनाडा जाकर बस गया और वहीं पर उसने इमीग्रेशन कंसल्टेंसी का व्यवसाय शुरू किया। उसकी पत्नी समराज राणा अख्तर भी डॉक्टर हैं।
लश्कर-ए-तैयबा से निकला कनेक्शन
बताया जा रहा है कि राणा ने अपने इमीग्रेशन फर्म के जरिए डेविड हेडली को भारत का वीजा दिलवाया, जिससे वह भारत आकर हमले की तैयारियों को अंजाम दे सका। राणा के हलाल मीट के कारोबार में भी हाथ आजमाने की जानकारी सामने आई है। जांच में राणा ने कबूल किया कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के साथ उसकी सीधी संलिप्तता थी। वह अक्सर आतंकी संगठनों की बैठकों में सेना की वर्दी पहनकर शामिल होता था और प्रशिक्षण कैंपों का दौरा करता था। उसका संबंध हरकत उल जिहाद अल इस्लामी जैसे अन्य आतंकी संगठनों से भी था।
जल्द होगा कई बड़े सवालों का खुलासा
एनआईए को राणा ने यह भी बताया कि उसकी मुलाकात मुंबई हमले की योजना तैयार करने वाले आईएसआई अधिकारी मेजर इकबाल से भी हुई थी। मेजर इकबाल ने ही हमले की आर्थिक सहायता और संचालन की जिम्मेदारी संभाली थी। डेविड हेडली का मुख्य संपर्क सूत्र भी वही था। एनआईए की टीम अब राणा से उसके नेटवर्क भारत में मौजूद संभावित सहयोगियों और 26/11 के पीछे की विस्तृत साजिश को लेकर पूछताछ की दिशा में आगे बढ़ेगी। माना जा रहा है कि राणा से मिली जानकारी से इस दशक पुराने आतंकवादी हमले की जांच में कई अनसुलझे पहलुओं पर रोशनी पड़ सकती है।