Maharashtra: रत्नागिरी में रिफाइनरी परियोजना का विरोध कर रहीं 30 महिलाएं पुलिस की हिरासत में

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र के तटीय जिले रत्नागिरी के बारसू में प्रस्तावित तेल शोधन कारखाने (रिफाइनरी) का मंगलवार को विरोध कर रहीं 30 से अधिक महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

विरोध कर रहीं 30 महिलाएं हिरासत में
विरोध कर रहीं 30 महिलाएं हिरासत में


मुंबई: महाराष्ट्र के तटीय जिले रत्नागिरी के बारसू में प्रस्तावित तेल शोधन कारखाने (रिफाइनरी) का मंगलवार को विरोध कर रहीं 30 से अधिक महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि ये महिलाएं सड़क पर लेटकर राज्य सरकार के वाहनों को प्रस्तावित परियोजना स्थल जाने से रोक रही थीं।

स्थानीय लोग इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। उन्हें आशंका है कि इस परियोजना से संवेदनशील तटीय कोंकण क्षेत्र की जैवविविधता को नुकसान होगा और उनके जीविकोपार्जन पर विपरीत असर होगा।

इस बीच, विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आई है और उसने सरकार से तत्काल प्रदर्शनकारियों का ‘उत्पीड़न’ रोकने की मांग की है।

अधिकारियों ने बताया कि सरकारी टीम को मुंबई से करीब 400 किलोमीटर दूर राजापुर के बारसू और सोलगांव में सर्वेक्षण का कार्य करना था लेकिन स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।

उन्होंने बताया कि तटीय जिले के स्थानीय लोग अरबों डॉलर की इस परियोजना के लिए मृदा सर्वेक्षण कार्य का विरोध कर रहे हैं। मंगलवार की सुबह विरोध प्रदर्शनों में कई महिलाओं ने भी हिस्सा लिया और जिला प्रशासन के वाहनों को परियोजना स्थल पर जाने से रोकने के लिए सड़क पर लेट गईं।

अधिकारी ने बताया कि कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए सैकड़ों पुलिस कर्मियों को परियोजना स्थल पर तैनात किया गया है।

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अधिकारी ने बताया कि रत्नागिरी के पुलिस अधीक्षक धनंजय कुलकर्णी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी किसी अनहोनी को रोकने के लिए मौके पर मौजूद हैं।

उन्होंने बताया कि 30 से अधिक महिला प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है और उन्हें रत्नागिरी के एक थाने ले जाया गया है। हालांकि, उनके खिलाफ अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विधायक अजित पवार ने दिन में कहा कि रत्नागिरी में प्रस्तावित तेलशोधन कारखाना (रिफाइनरी) की परियोजना के खिलाफ स्थानीय लोगों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन से संवेंदनशीलता से निपटना चाहिए।

उन्होंने साथ ही मांग की है कि राज्य सरकार को मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान होने तक सर्वेक्षण कार्य रोक देना चाहिए।

शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने सरकार से बारसू के लोगों पर ‘अत्याचार’ तत्काल बंद करने की मांग की। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी और लोगों का समर्थन करेगी।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि बारसू के प्रदर्शनकारियों पर उद्योग मंत्री उदय सामंत पुलिस की मदद से दबाव बना रहे हैं।

राउत ने कहा, ‘‘यह विकृत मानसिकता वाली सरकार है। वे जालियांवाला बाग जैसा नरसंहार कराना चाहते हैं। हम लोगों के साथ हैं और शिवसेना (यूबीटी) चुप नहीं बैठेगी।’’

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद को गरीबों का ‘मसीहा’ मानते हैं लेकिन हेलीकॉप्टर से तीन दिन की ‘छुट्टी’ पर चले गए हैं। राउत ने उक्त टिप्पणी मुख्यमंत्री के तीन दिन के लिए गृहनगर सतारा जाने के संदर्भ में की।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि शिंदे को हेलीकॉप्टर से बारसू जाना चाहिए था और प्रदर्शनकारियों से मिलना चाहिए था।

शिवसेना(यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘‘सरकार को लोगों का उत्पीड़न और मृदा सर्वे रोकना चाहिए।’’

राज्य के पूर्व पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार को प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों के साथ् संवाद करनी चाहिए।

ठाकरे ने कहा कि पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी सरकार ने परियोजना को मंजूरी देने के साथ कुछ शर्तें रखी थीं जिसमें स्थानीय लोगों को भरोसे में लेना एवं उन्हें परियोजना एवं उसके लाभ को विस्तार से बताना था।










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