

भारत के भाला फेंक स्टार नीरज चोपड़ा ने माना है कि उनकी तकनीक अभी पूर्ण नहीं है। दोहा में 90.23 मीटर का थ्रो शानदार था, लेकिन वे इसे और बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं। वह आज डायमंड लीग 2025 के फाइनल में खेलने वाले हैं।
नीरज चोपड़ा (Img: Internet)
Zurich: भारतीय भाला फेंक के स्टार और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने हाल ही में अपनी तकनीक को लेकर ईमानदारी से बातचीत की। उन्होंने माना कि वह अभी अपनी तकनीक से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। मई महीने में दोहा में हुए डायमंड लीग चरण में उनका 90.23 मीटर का थ्रो भले ही शानदार रहा, लेकिन चोपड़ा ने बताया कि तकनीकी रूप से वह थ्रो परफेक्ट नहीं था।
नीरज ने अपने तकनीकी सुधार के लिए विशेष तौर पर अपने बाएं पैर की स्थिति और ब्लॉकिंग तकनीक को बेहतर बनाने पर जोर दिया। उनका मानना है कि अगर उनका बायां पैर सीधा रहेगा और वह सही ब्लॉक का उपयोग करेंगे, तो थ्रो और भी बेहतर होगा। उन्होंने कहा, "मेरा रन-अप तेज है, लेकिन मैं उस गति का सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहा हूं।"
उन्होंने कहा, "जब मैं सही तकनीक का इस्तेमाल करूंगा, तो अपनी गति से मैं पूरी तरह संतुष्ट हो जाऊंगा।" यह स्पष्ट करता है कि चोपड़ा लगातार अपने खेल में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नीरज चोपड़ा (Img: Internet)
डायमंड लीग फाइनल से पहले जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बेहतर तकनीक के साथ 92 मीटर तक भाला फेंक सकते हैं, तो नीरज ने कहा कि भाला फेंक में हमेशा अनिश्चितता रहती है। उनका कहना था, "भाला फेंक में कोई निश्चित सीमा नहीं होती। आप चार या पाँच मीटर भी बढ़ा सकते हैं।" इस जवाब से पता चलता है कि चोपड़ा अपने प्रदर्शन को लेकर आशावादी और सकारात्मक हैं, लेकिन वे तकनीकी सुधार को भी बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं।
नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में हवा के प्रभाव के बारे में भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि हवा का सही इस्तेमाल फेंकने वाले की तकनीक पर निर्भर करता है। "अगर आप सही लाइन से भाला फेंकते हैं तो हवा मददगार हो सकती है।" साथ ही उन्होंने आगामी ज्यूरिख प्रतियोगिता में बारिश की संभावना के बारे में कहा कि वे हर प्रकार की परिस्थिति में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "बारिश या खराब मौसम सभी के लिए समान होता है, इसलिए हमें मानसिक रूप से मजबूत रहना होगा।"
नीरज चोपड़ा का यह आत्मविश्वास और तकनीक सुधार की दिशा में निरंतर मेहनत यह दर्शाती है कि वे न केवल वर्तमान में सफल हैं, बल्कि भविष्य में भी बड़े मुकाम हासिल करने के लिए तैयार हैं। उनका यह दृष्टिकोण उन्हें और बेहतर प्रदर्शन की ओर ले जाएगा, जिससे वे भारतीय खेल के लिए गर्व का विषय बने रहेंगे।