

डायमंड लीग फाइनल 2025 में नीरज चोपड़ा 85 मीटर भाला फेंककर दूसरे स्थान पर रहे। वह गोल्ड से चूक गए थे। जिस पर अब उन्होंने खुद बात की है और बताया है कि आखिर वह क्यों गोल्ड से दूर रह गए।
नीरज चोपड़ा (Img: X)
Zurich: भारतीय जेवलिन थ्रो स्टार नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर डायमंड लीग फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया। यह लगातार तीसरा साल है जब नीरज इस प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे हैं। उन्होंने 2022 में डायमंड लीग का खिताब अपने नाम किया था, लेकिन 2023 और 2024 में उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। 2025 में भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब नीरज ने जोरदार प्रयास के बावजूद गोल्ड नहीं जीत पाए। ऐसे में उन्होंने अब बताया है कि वह चूक गए।
डायमंड लीग के मैच के बाद अपने प्रदर्शन पर बात करते हुए नीरज चोपड़ा ने बताया कि क्यों वह इस बार स्वर्ण पदक से चूक गए। उन्होंने कहा, "टाइमिंग सही नहीं थी, रन-अप भी मेरी उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा। कुछ चीजें अच्छी रहीं, लेकिन यह वह नतीजा नहीं था जिसकी मैं तैयारी कर रहा था।"
नीरज ने बताया कि उन्होंने पूरी ताकत लगाई और 85 मीटर का थ्रो फेंका, लेकिन जर्मनी के जूलियन वेबर ने 91 मीटर का थ्रो कर गोल्ड अपने नाम कर लिया।
नीरज चोपड़ा गोल्ड से चूके (Img: X)
नीरज चोपड़ा ने अब अपने अगले लक्ष्य के बारे में बात करते हुए कहा कि उनका पूरा ध्यान टोक्यो में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 पर है। उन्होंने कहा, "मेरे पास अभी तीन हफ्ते हैं और मैं पूरी ताकत के साथ प्रशिक्षण करूंगा। इस साल का मेरा सबसे बड़ा टारगेट है विश्व चैंपियनशिप में अपने खिताब की रक्षा करना।" उन्होंने माना कि डायमंड लीग फाइनल का दिन उनके लिए थोड़ा मुश्किल था, लेकिन आत्मविश्वास जताया कि वे जल्द ही सही लय में लौट आएंगे।
नीरज ने अपने इंटरव्यू में एक अहम बात कही "हर दिन आपके पक्ष में नहीं होता। इस खेल में प्रदर्शन दिन पर निर्भर करता है।" उन्होंने माना कि उन्हें अपने रन-अप और टाइमिंग में सुधार करना होगा, लेकिन उनका आत्मविश्वास बना हुआ है और वह अगली प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
नीरज चोपड़ा अब तक विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो पदक जीत चुके हैं। 2022 में उन्होंने रजत पदक हासिल किया था, जबकि 2023 में उन्होंने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। अब 2025 में भी उनसे गोल्ड की उम्मीदें की जा रही हैं।