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सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में महेंद्र सिंह धोनी को एयरपोर्ट सुरक्षा जांच के दौरान घड़ी और फिटनेस डिवाइस पहने हुए बिना रोके आगे बढ़ते देखा गया। आम यात्रियों के लिए सख्त नियमों के मुकाबले इस कथित VIP ट्रीटमेंट ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
एमएस धोनी को एयरपोर्ट पर VIP ट्रीटमेंट मिलना (Img: Internet)
Ranchi: महेंद्र सिंह धोनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह एयरपोर्ट के सुरक्षा जांच क्षेत्र से गुजरते हुए दिखाई देते हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि धोनी एक हाथ में घड़ी और दूसरे हाथ में फिटनेस डिवाइस पहने हुए हैं, फिर भी उन्हें बिना किसी रोक-टोक के आगे बढ़ने दिया जाता है। यह दृश्य आम यात्रियों के अनुभव से बिल्कुल अलग है और इसी वजह से इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अगर यही काम कोई आम नागरिक करता, तो सुरक्षा कर्मी उसे तुरंत रोक लेते। उससे कहा जाता कि वह घड़ी और फिटनेस डिवाइस उतारे, उन्हें ट्रे में रखे और फिर दोबारा लाइन में लगे। कई बार तो इतनी सी बात पर यात्रियों को लाइन के आखिर में भेज दिया जाता है। लेकिन इस वीडियो में ऐसा कुछ भी होता नहीं दिखता, जिससे यह आभास मिलता है कि धोनी को VIP ट्रीटमेंट दिया गया।
Why have security protocols at all for VIPs at the airport when you are doing it for the sake of it @CISFHQrs ? @AAI_Official ?
Dhoni is wearing a watch in one hand and a fitness device in the other. An ordinary citizen will be returned back to put them in the trays and rejoin… pic.twitter.com/ZySGaIvte9
— With Love India (@WithLoveIndiaa) December 18, 2025
बताया जा रहा है कि यह वीडियो रांची एयरपोर्ट का है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वीडियो कब का है। इसके बावजूद, वीडियो सामने आने के बाद बहस तेज़ हो गई है। लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या नियम सिर्फ आम लोगों के लिए बने हैं, और क्या मशहूर या अमीर लोगों के लिए सुरक्षा नियमों में ढील दी जाती है।
जो लोग हवाई यात्रा करते हैं, वे जानते हैं कि एयरपोर्ट की सुरक्षा जांच कितनी सख्त होती है। बेल्ट, घड़ी, मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्स और यहां तक कि फिटनेस बैंड भी उतारकर ट्रे में रखना पड़ता है। कभी-कभी छोटी सी चूक भी परेशानी का कारण बन जाती है। यही वजह है कि धोनी का यह वीडियो लोगों को हैरान कर रहा है।
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई यूज़र्स का कहना है कि अगर सुरक्षा नियम बनाए गए हैं, तो वे सभी पर समान रूप से लागू होने चाहिए। सुरक्षा प्रोटोकॉल किसी की लोकप्रियता, दौलत या रुतबे के आधार पर नहीं बदले जा सकते।
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इस पूरे मामले ने एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है, क्या भारत में नियमों की समानता सिर्फ कागज़ों तक सीमित है? आम नागरिकों के लिए सख्ती और VIPs के लिए नरमी न केवल असमानता को दर्शाती है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाती है। अगर सुरक्षा जांच शॉपिंग मॉल जैसी आसान हो जाए, तो इसका असर आम जनता के भरोसे पर पड़ना तय है।