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PCB ने मोहम्मद रिजवान को ODI टीम की कप्तानी से हटाकर शाहीन शाह अफरीदी को नया कप्तान बनाया। रिपोर्ट के मुताबिक, रिजवान को हटाने की वजह उनका सट्टा कंपनियों के प्रमोशन से इनकार करना था। इसी वजह उनके सिद्धांत बताए जा रहे हैं।
मोहम्मद रिजवान (Img: Internet)
Islamabad: पाकिस्तान क्रिकेट में सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब अचानक मोहम्मद रिजवान को वनडे टीम की कप्तानी से हटाकर तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी को नया कप्तान नियुक्त कर दिया गया। इस फैसले ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि रिजवान का प्रदर्शन बतौर कप्तान और बल्लेबाज अच्छा रहा था।
शुरुआत में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने कप्तान बदलने की कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई। लेकिन अब मीडिया की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद रिजवान को टीम की कप्तानी से हटाने की वजह उनका प्रदर्शन नहीं, बल्कि उनका सट्टा कंपनियों के प्रमोशन से इनकार करना था।
मोहम्मद रिजवान (Img: Internet)
रिपोर्ट के अनुसार, PCB चाहता था कि कप्तान के तौर पर मोहम्मद रिज़वान टीम के प्रायोजकों में शामिल सट्टा कंपनियों को प्रमोट करें। लेकिन रिज़वान ने इस प्रस्ताव को साफ तौर पर ठुकरा दिया। वह इस्लामिक सिद्धांतों के अनुसार जीने वाले खिलाड़ी हैं और उनका मानना है कि सट्टेबाजी इस्लाम में हराम है। उन्होंने PCB को सूचित किया कि वह ऐसे ब्रांड्स का समर्थन नहीं करेंगे।
पीसीबी के एक अंदरूनी सूत्र ने भी इस बात की पुष्टि की। सूत्र ने कहा, “रिजवान ने बोर्ड को पहले ही बता दिया था कि वह सट्टा कंपनियों के साथ नहीं जुड़ सकते और न ही उनके प्रचार में शामिल होंगे। PCB ने इसके बाद उन्हें कप्तानी से हटाने का फैसला लिया।”
गौरतलब है कि PCB ने जब शाहीन अफरीदी को कप्तान बनाने की घोषणा की, तो अपने बयान में मोहम्मद रिजवान का नाम तक नहीं लिया। बयान में सिर्फ इतना कहा गया कि चयन समिति और कोच माइक हेसन की मौजूदगी में यह फैसला लिया गया।
यह पहली बार नहीं है जब रिजवान ने ऐसे मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाया हो। 2025 की कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) में उन्होंने सट्टा कंपनी के लोगो वाली जर्सी पहनने से मना कर दिया था। वह निजी तौर पर महिला फैन्स से हाथ नहीं मिलाते और धार्मिक सिद्धांतों का पालन करते हैं।
मोहम्मद रिजवान का कप्तानी से हटाया जाना सिर्फ क्रिकेटिंग फैसला नहीं था, बल्कि उनके सिद्धांतों की वजह से हुआ एक बड़ा मोड़ था। इससे पाकिस्तान क्रिकेट में नैतिकता और व्यावसायिक हितों के बीच की खाई एक बार फिर उजागर हो गई है।