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गोरखपुर के डीएम दीपक मीणा ने विकास भवन सभागार में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों और कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले के विकास कार्यों में अब किसी प्रकार की सुस्ती या लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
अफसरों संग निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए
Gorakhpur: जनपद में चल रही विकास योजनाओं और निर्माण कार्यों की प्रगति को लेकर शुक्रवार को जिलाधिकारी दीपक मीणा ने विकास भवन सभागार में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में विभिन्न विभागों और कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों ने भाग लिया।
इस दौरान डीएम मीणा ने कहा कि जिले के विकास कार्यों में अब किसी प्रकार की सुस्ती या लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। भूमि से जुड़ी सभी समस्याएं दूर कर दी गई हैं, इसलिए सभी विभाग अपने-अपने कार्यों में तेजी लाएं और तय समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य सुनिश्चित करें।
डीएम ने जानकारी दी कि जनपद में फिलहाल 2051 निर्माण कार्य प्रगति पर हैं, जिनमें से 191 कार्य रेड श्रेणी में हैं — यानी ये परियोजनाएं निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रही हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि रेड श्रेणी के सभी कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी और देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों या संस्थाओं पर सख्त कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि कुछ विभागों ने कार्य में देरी का कारण भूमि की अनुपलब्धता बताया था, लेकिन अब यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। “अब जब भूमि और संसाधन दोनों उपलब्ध हैं, तो किसी भी प्रकार की देरी अस्वीकार्य होगी। जो भी संस्थाएं बिना कारण काम में ढिलाई दिखाएंगी, उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ अनुबंध निरस्तीकरण तक की कार्यवाही की जाएगी,” डीएम मीणा ने चेताया।
बैठक में जिलाधिकारी ने विशेष रूप से पुलिस लाइन, पीएसी परिसर, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, प्राविधिक विद्यालय और शहर में चल रही ओवरब्रिज परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
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डीएम मीणा ने कहा कि गोरखपुर में विकास की गति को बनाए रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी विभागीय प्रमुख अपनी परियोजनाओं की दैनिक प्रगति रिपोर्ट अपडेट करें, और हर सप्ताह भौतिक सत्यापन कराएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं का गुणवत्ता परीक्षण और निरीक्षण रिपोर्ट भी तैयार की जाए।
बैठक में जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश झा, पीडब्ल्यूडी के नोडल अधिकारी ए.के. सिंह सहित सभी कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
अंत में डीएम दीपक मीणा ने कहा कि गोरखपुर का हर विकास कार्य जिले की नई तस्वीर गढ़ेगा। “अब जब बाधाएं खत्म हो चुकी हैं, तो हमारा लक्ष्य है कि आने वाले महीनों में सभी 2051 परियोजनाएं समय पर पूर्ण होकर जनहित में समर्पित हों,”