

महिला विश्व कप 2025 में भारत ने पाकिस्तान को 88 रनों से हराकर टूर्नामेंट में अपनी दूसरी जीत दर्ज की। इस मैच में पाकिस्तान की बल्लेबाज सिदरा अमीन ने 81 रन बनाए, लेकिन आउट होने के बाद गुस्से में बल्ला पटखने के चलते ICC ने उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी ठहराया और फटकार लगाई।
सिदरा अमीन (Img: Internet)
Colombo:महिला विश्व कप 2025 में भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबले में जहां भारतीय टीम ने मैदान पर पाकिस्तान को 88 रनों से करारी शिकस्त दी, वहीं मैच के बाद भी पाकिस्तानी टीम की मुश्किलें खत्म नहीं हुईं। बल्लेबाज सिदरा अमीन पर ICC की आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा और उन्हें आधिकारिक रूप से फटकार लगाई गई।
मैच के 40वें ओवर में जब पाकिस्तान की सिदरा अमीन 88 रन बनाकर आउट हुईं, तो उन्होंने गुस्से में अपना बल्ला ज़मीन पर ज़ोर से पटका। यह आचरण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के आचार संहिता के अनुच्छेद 2.2 का उल्लंघन माना गया, जो "अस्वीकार्य व्यवहार" की श्रेणी में आता है। ICC ने सिदरा को औपचारिक रूप से फटकार लगाई और उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक भी जोड़ दिया। यह पिछले 24 महीनों में सिदरा का पहला अपराध है। सिदरा ने भी अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है, जिससे उन्हें सुनवाई की आवश्यकता नहीं पड़ी।
सिदरा अमीन (Img: Internet)
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 247 रन बनाए। टीम ने 10 विकेट गंवाए लेकिन बोर्ड पर एक चुनौतीपूर्ण स्कोर टांग दिया। भारत के लिए हरलीन देओल ने सबसे ज़्यादा 46 रन बनाए, जो उन्होंने 65 गेंदों में बनाए। इसके अलावा स्मृति मंधाना, शेफाली वर्मा और जेमिमा रोड्रिग्स ने भी छोटी लेकिन अहम पारियाँ खेलीं।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत खराब रही। हालांकि, सिदरा अमीन ने एक छोर संभाले रखा और 106 गेंदों में 81 रन बनाए, जिसमें नौ चौके और एक छक्का शामिल था। नतालिया परवेज़ ने भी 33 रनों की उपयोगी पारी खेली। लेकिन बाकी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के सामने टिक नहीं सके और पूरी टीम 43 ओवरों में 159 रनों पर ढेर हो गई।
इस जीत के साथ भारत ने महिला विश्व कप 2025 में अपने चार अंक पूरे कर लिए और अंक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया। भारतीय गेंदबाजी और फील्डिंग ने मैच में अहम भूमिका निभाई और पाकिस्तान को बड़े अंतर से हराने में मदद की।
जहां भारत को एक बड़ी जीत मिली, वहीं सिदरा अमीन की भावनात्मक प्रतिक्रिया ने ICC के नियमों की ओर फिर से ध्यान खींचा, जो खेल के अनुशासन और मर्यादा को बनाए रखने के लिए जरूरी हैं।