

सुनिल गावस्कर की ऐतिहासिक पारी के बाद, करीब 5 दशक तक कोई भी भारतीय सलामी बल्लेबाज मैनचेस्टर में अर्धशतक नहीं लगा पाया था। हालांकि, 23 जुलाई को यशस्वी जायसवाल ने इस इंतजार को खत्म कर दिया है।
यशस्वी जायसवाल का अर्धशतक (सोर्स- बीसीसीआई एक्स)
New Delhi: भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने मैनचेस्टर में खेले जा रहे चौथे टेस्ट में कमाल कर दिया है। उन्होंने शांती और संयम के बल्लेबाजी करते हुए भारत को मजबूत शुरुआत दिलाई। इतना ही नहीं, इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट में 5 दशकर के बाद बड़ा कारनामा कर दिया है।
दरअसल, मैनचेस्टर के मैदान पर भारतीय टीम का रिकॉर्ड काफी खराब है। लेकिन, इसी मैदान पर यशस्वी जायसवाल ने अर्धशतक जड़कर एक खास उपलब्धि हासिल कर ली है। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर अर्धशतक जड़ते ही उन्होंने इतिहास रच दिया। वह इस मैदान पर 1974 के बाद अर्धशतक लगाने वाले पहले भारतीय सलामी बल्लेबाज बन गए हैं।
इससे पहले, यह कारनामा सिर्फ भारतीय क्रिकेट के लीजेंड सुनील गावस्कर ने किया था। उन्होंने 1974 में इसी मैदान पर 101 और 58 रनों की दो शानदार पारियां खेली थीं। उस मैच में गावस्कर के दम पर भारत ने पहली पारी में सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया था, हालांकि अंत में टीम को 113 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।
गावस्कर की ऐतिहासिक पारी के बाद, करीब 5 दशक तक कोई भी भारतीय सलामी बल्लेबाज मैनचेस्टर की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अर्धशतक नहीं लगा पाया था। हालांकि, 23 जुलाई को यशस्वी जायसवाल ने इस इंतजार को खत्म कर दिया है।
केएल राहुल के साथ यशस्वी ने 94 रनों की ठोस ओपनिंग साझेदारी कर भारत को मजबूत शुरुआत दिलाई। उन्होंने दूसरे सत्र में अपने टेस्ट करियर का 12वां अर्धशतक पूरा किया, जो न सिर्फ स्कोरबोर्ड के लिहाज से अहम रहा, बल्किटीम के लिए भी बड़ी राहत भी बना।
Yashasvi Jaiswal continues his impressive run with the bat ✨
He gets to his 12th Test half-century 👏👏
💯 up for #TeamIndia
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— BCCI (@BCCI) July 23, 2025
भारत ने मैनचेस्टर में पिछले दो दशकों में केवल दो टेस्ट मैच खेले हैं। 1990 में, सचिन तेंदुलकर ने यहीं अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया था और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 179 रनों की लाजवाब पारी खेली थी। हालांकि तब वह मैच ड्रॉ रहा था। वहीं, 2014 में भारत को इसी मैदान पर पारी से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अब इस मैदान पर शतक का इंतजार भी है।
गावस्कर और सचिन जैसे दिग्गजों की विरासत वाले इस ऐतिहासिक मैदान पर यशस्वी जायसवाल का अर्धशतक सिर्फ एक पारी नहीं, बल्कि एक मजबूत संदेश है कि नई पीढ़ी अब इतिहास दोहराने नहीं, नया इतिहास गढ़ने आई है।