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मेलबर्न में चौथे एशेज टेस्ट के दूसरे दिन मार्नस लाबुशेन को तीसरे अंपायर ने विवादास्पद तरीके से आउट करार दिया। कई रिप्ले में यह फैसला बेहद करीबी दिखा, जिससे ऑस्ट्रेलियाई फैंस असंतुष्ट और इंग्लिश समर्थक खुश नजर आए। ऐसे में अब अंपायरिंग पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे।
थर्ड अंपायर का फैसला बना विवादास्पद (Img: Internet)
Melbourne: मेलबर्न में खेले जा रहे चौथे एशेज टेस्ट के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया के मार्नस लाबुशेन एक विवादित फैसले का शिकार हो गए। इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ जोश टंग की गेंद पर उन्होंने हल्का सा किनारा लगाया, जिसे पहली स्लिप में खड़े जो रूट ने नीचे से लपक लिया। जैसे ही इंग्लिश खिलाड़ी जश्न मनाने लगे, लाबुशेन क्रीज़ पर ही रुक गए। उनका मानना था कि गेंद कैच बनने से पहले ज़मीन को छू गई थी, इसलिए वह फैसले से हैरान नजर आए।
लाबुशेन के बल्लेबाज़ी साथी ट्रैविस हेड भी इस फैसले को लेकर असमंजस में दिखे। ऑन-फील्ड अंपायरों ने मामला तीसरे अंपायर को रेफर किया। रिप्ले में साफ दिखा कि यह फैसला बेहद करीबी था। कई एंगल से देखने के बाद भी तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट नहीं थी। आमतौर पर ऐसे मामलों में बल्लेबाज़ को संदेह का फायदा मिलने की उम्मीद रहती है, लेकिन तीसरे अंपायर अहसान रज़ा ने लाबुशेन को आउट करार दे दिया।
What did you make of this catch? Out or not out?#Ashes | #DRSChallenge | @Westpac pic.twitter.com/pnWo2qt6qc
— cricket.com.au (@cricketcomau) December 27, 2025
तीसरे अंपायर के फैसले के बाद इंग्लैंड समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। खासकर इंग्लैंड की मशहूर फैन आर्मी ‘बार्मी आर्मी’ ने सोशल मीडिया पर इस फैसले का जमकर जश्न मनाया। वहीं ऑस्ट्रेलियाई फैंस ने इस निर्णय पर नाराज़गी जताई और तीसरे अंपायर की आलोचना की। कई फैंस का कहना था कि रिप्ले निर्णायक नहीं था और ऐसे में बल्लेबाज़ को नॉट आउट दिया जाना चाहिए था।
हालांकि इस विवाद पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ओपनर और हेड कोच जस्टिन लैंगर की राय अलग रही। चैनल सेवन पर बातचीत के दौरान लैंगर ने कहा कि अंपायरों ने सही फैसला लिया। उनके मुताबिक, स्लो-मोशन रिप्ले में साफ दिखता है कि जो रूट की उंगलियां गेंद के नीचे थीं और कैच वैध था। लैंगर ने माना कि फैसला करीबी था, लेकिन तकनीकी रूप से वह आउट ही था।
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इसके उलट मार्नस लाबुशेन का मानना है कि गेंद ने ज़मीन को छुआ था। उनका भरोसा था कि कैच साफ नहीं था और फैसला उनके खिलाफ चला गया। यही वजह है कि आउट होने के बाद भी वह कुछ देर तक क्रीज़ पर खड़े रहे और अंपायरों की ओर देखते रहे।
गौर करने वाली बात यह है कि मेलबर्न टेस्ट में अंपायरिंग को लेकर विवाद पहली बार नहीं हुआ। पहले दिन इंग्लैंड के गेंदबाज़ ब्रायडन कार्स ने मिशेल स्टार्क को एक ऐसी गेंद पर आउट किया, जिसे कई लोगों ने नो-बॉल माना।
उस समय ऑस्ट्रेलिया 142/7 के नाज़ुक स्कोर पर था। स्टार्क के ऊंचा शॉट खेलने पर बेन स्टोक्स ने शानदार कैच पकड़ा, लेकिन साइड-ऑन रिप्ले में नो-बॉल की संभावना दिखी। इसके बावजूद फैसला बल्लेबाज़ के खिलाफ गया, जिससे पूरे टेस्ट में अंपायरिंग पर सवाल खड़े हो गए।