डायबिटीज से बढ़ रहा अंधेपन का खतरा: जानिए आई डिजीज के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

डायबिटीज सिर्फ एक मेटाबॉलिक रोग नहीं है, यह आंखों सहित शरीर के कई अंगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। हाई ब्लड शुगर लंबे समय तक रहने पर डायबिटिक रेटिनोपैथी नामक आंखों की बीमारी हो सकती है, जो धीरे-धीरे अंधेपन का कारण बनती है। इस लेख में जानिए कि डायबिटीज आंखों को कैसे नुकसान पहुंचाती है, इसके क्या लक्षण होते हैं और कैसे इससे बचा जा सकता है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 20 July 2025, 12:26 PM IST
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New Delhi: डायबिटीज या हाई ब्लड शुगर की समस्या आज के समय में तेजी से फैल रही है। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर आयु वर्ग के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि बदलती जीवनशैली, अनियमित खानपान और तनाव इसके मुख्य कारण हैं। इसके अलावा जिनके परिवार में पहले से डायबिटीज की हिस्ट्री है, उनमें इसका जोखिम और भी अधिक हो जाता है। डायबिटीज का प्रभाव केवल शुगर लेवल तक सीमित नहीं है। यह हृदय, किडनी, पाचन तंत्र, नसों और आंखों सहित शरीर के हर हिस्से को प्रभावित कर सकता है।

डायबिटिक आई डिजीज क्या है?

जब शरीर में शुगर का स्तर लंबे समय तक नियंत्रण में नहीं रहता, तो आंखों की रक्त वाहिकाएं (ब्लड वेसेल्स) प्रभावित होने लगती हैं। यह स्थिति डायबिटिक रेटिनोपैथी कहलाती है। रेटिना- आंख का वह भाग होता है जो प्रकाश को पहचानकर मस्तिष्क को सिग्नल भेजता है। डायबिटीज के कारण रेटिना की नाजुक रक्तवाहिकाएं फट सकती हैं, उनमें सूजन आ सकती है या वे ब्लॉक हो सकती हैं। इससे देखने में धुंधलापन आता है और स्थिति बिगड़ने पर अंधापन भी हो सकता है।

डायबिटीज आंखों को कैसे प्रभावित करता है?

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. समीर शुक्ला के अनुसार, डायबिटीज की स्थिति में शरीर की सभी ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचता है। आंखों की रक्तवाहिकाएं बेहद पतली और संवेदनशील होती हैं। हाई शुगर के कारण इनमें लीक होने की संभावना रहती है। जिससे आंखों में सूजन, धुंधलापन और दृष्टि में गिरावट आती है।

कुछ प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं।

  1. धुंधला दिखना
  2. आंखों के सामने काले धब्बे या फ्लोटर्स दिखना
  3. रंगों को पहचानने में कठिनाई
  4. रात में देखने में परेशानी

अध्ययन क्या कहते हैं?

WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, डायबिटिक रेटिनोपैथी 20 से 65 वर्ष की उम्र के लोगों में अंधेपन के मुख्य कारणों में से एक है। हर तीन में से एक डायबिटिक व्यक्ति को रेटिनोपैथी की किसी न किसी स्टेज की समस्या हो सकती है। लैंसेट नामक जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि जिन लोगों को 10 साल से अधिक समय से डायबिटीज है, उनमें रेटिनोपैथी की संभावना 60% तक बढ़ जाती है।

डायबिटिक आई डिजीज से कैसे बचें?

1. ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें: नियमित जांच और दवा का पालन करें।
2. हर 6-12 महीने में आंखों की जांच कराएं: खासतौर पर रेटिना की जांच जरूरी है।
3. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल करें: ये भी आंखों की सेहत को प्रभावित करते हैं।
4. धूम्रपान छोड़ दें: यह आंखों के लिए बेहद हानिकारक है।
5. संतुलित आहार और व्यायाम: हरी सब्जियां, फल और नट्स का सेवन करें, रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक करें।

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