

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर टली सुनवाई
नई दिल्ली: वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होना तय था लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मामले पर अगले बुधवार तक सुनवाई को टाल दिया है। सुप्रीम अब अगले गुरूवार यानि 15 मई को वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई करेगा।
देश के मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ वक्फ संशोधन कानून के मामले को सुन रही है। लेकिन सोमवार को सुनवाई शुरू होते ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से इस मामले पर अगले हफ्ते तक सुनवाई टालने का आग्रह किया। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ सॉलिसिटर जनरल की मांग पर राजी हो गई, जिसके बाद अदालत ने आज सुनवाई टालने का फैसला किया।
सीजेआई ने माना कि इस पर अंतरिम आदेश से पहले लंबी सुनवाई की जरूरत है।
खास बात है कि इस मामले पर अगली सुनवाई से पहले 13 मई को देश के मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना रिटायर होने वाले हैं।
चुनिंदा याचिकाओं पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गईं है लेकिन शीर्ष अदालत मूल याचिका समेत पांच याचिकाओं पर सुनवाई के लिये तैयार हुआ है और अन्य कुछ याचिकाओं को भी इनमें शामिल किया गया है।
वक्फ कानून की वैधता पर सवाल
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत देश के कई राजनीतिक दलों के साथ ही गैर सरकारी संगठनों, मुस्लिम संगठनों और कई लोगों ने नये वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर कर रखी है। इन याचिकाओं में वक्फ की संवैधानिकता पर सवाल उठाये गये हैं और नये कानून को भी रद्द करने की मांग की गई। दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह चुनिंदा याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा।
धर्म के नाम पर धोखाधड़ी
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 29 और 30 के तहत चुनौती दी गई है। इसमें कहा गया है कि धर्म किसी का भी निजी मामला होता है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार धर्म जैसे मामले पर कानून बनाकर दखल नहीं दे सकती है। ऐसा करना धर्म के नाम पर धोखाधड़ी है।
अदालत से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं में इसे गैर-कानूनी बताया गया है। याचिका में गया है कि कहा कि वक्फ तंत्र सरकार के अंतर्गत आ जाने से मुस्लिम समुदाय अपने धार्मिक अभ्यास को बनाए रखने के लिए आर्थिक और वित्तीय रूप से वंचित रह जाएगा। इस तरह लागू किया गया कानून मुस्लिम समुदाय के अस्तित्व को खतरे में डालता है, जो सदियों से अपने सर्वाइवल के लिए वक्फ तंत्र पर निर्भर है। सुप्रीम कोर्ट से इस कानून में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की गई है।